आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली शराब नीति मामले के एक आरोपी को आंध्र प्रदेश में भाजपा की सहयोगी टीडीपी ने लोकसभा का टिकट दिया है। दिल्ली शराब नीति मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी की एक तस्वीर दिखाई, जिन्हें टीडीपी ने ओंगोल से मैदान में उतारा है।
सिंह ने कहा, “जिस व्यक्ति को शराब घोटाले का आरोपी बनाया गया है, पीएम मोदी उसके साथ क्या कर रहे हैं? वह अब आंध्र प्रदेश में टीडीपी (लोकसभा) के उम्मीदवार हैं। रेड्डी वोट मांगने के लिए पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं।”
बुधवार को तिहाड़ जेल से बाहर आए आप के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा का वरिष्ठ नेतृत्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सलाखों के पीछे डालने की “बड़ी साजिश” में शामिल था। सिंह ने कहा, “यह शराब घोटाला भाजपा ने किया है। इसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता शामिल हैं।”
इस मामले में 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने उन्हें “शराब नीति घोटाले का सरगना” बताया था। केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
संजय सिंह ने कहा कि शराब नीति मामले में मगुंटा रेड्डी पर 16 सितंबर 2022 को छापा मारा गया था। रेड्डी तब वाईएसआरसीपी में थे। सिंह ने दावा किया कि जब रेड्डी ने केजरीवाल के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया तो उनके बेटे राघव रेड्डी को फरवरी 2023 में गिरफ्तार कर लिया गया।
मगुंटा रेड्डी और उनके बेटे राघव दोनों, अन्य वाईएसआरसीपी नेताओं के साथ, 16 मार्च को टीडीपी में शामिल हो गए। इसके बाद राघव रेड्डी उत्पाद शुल्क नीति मामले में सरकारी गवाह बन गए।
सिंह ने कहा, “ये शराब घोटाला दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने किया है। मगुंटा रेड्डी ने कुल 3 बयान दिए, उसके बेटे ने 7 बयान दिए। पहले और दूसरे बयान में उन्होंने बताया कि मैं दिल्ली CM केजरीवाल से चैरिटेबल ट्रस्ट के मामले में मिला था। उसके बाद उसके बेटे को गिरफ़्तार किया गया। तब वह(मंगुटा रेड्डी) अपना बयान बदल देता है। मंगुटा रेड्डी के 2 बयान और उसके बेटे के 6 बयान गायब कर दिए जाते हैं, जो बयान अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नहीं थे। ED ने कहा हमें उस बयान पर भरोसा नहीं है।”
मगुंटा रेड्डी के साथ पीएम मोदी की एक तस्वीर दिखाते हुए AUR घटनाओं का क्रम बताते हुए सिंह ने कहा, ”10 फरवरी से 16 जुलाई तक राघव मगुंटा के सात बयान लिए गए। सात में से छह बयानों में उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कुछ नहीं कहा, लेकिन सातवें बयान में वह साजिश का हिस्सा बन गए और उनके खिलाफ बयान दिया। पांच महीने की प्रताड़ना के बाद उन्होंने अपना बयान बदल दिया और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ खड़े हो गए।”