प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित कैश-फॉर-क्वेरी घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता महुआ मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने सीबीआई की शिकायत का संज्ञान लेते हुए दोनों के खिलाफ प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की, जो पुलिस एफआईआर के बराबर है। दो-तीन दिन पहले ही ईडी ने मामला दर्ज किया था।
एजेंसी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) की नागरिक धाराओं के तहत दोनों के खिलाफ जांच कर रही है और इस मामले में मोइत्रा और दुबई स्थित व्यवसायी हीरानंदानी को पूछताछ के लिए बुलाया है। लेकिन दोनों आधिकारिक प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए अब तक मामले में हाजिर नहीं हुए हैं।
महुआ ने लोकसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त होने का हवाला देकर पेश होने से इनकार कर दिया था। महुआ को ED का ये तीसरा समन था। ED ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी को भी समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। इससे पहले दर्शन के पिता निरंजन हीरानंदानी मुंबई में एजेंसी के सामने पेश हुए थे।
सीबीआई ने पिछले महीने पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से पूर्व टीएमसी सांसद मोइत्रा के परिसरों पर एफआईआर दर्ज करने के बाद तलाशी ली थी।
महुआ मोइत्रा को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए फिर से नामांकित किया है।
सीबीआई अधिकारियों ने बताया, “केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लोकपाल के निर्देश पर मोइत्रा और हीरानंदानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की, जिसने एजेंसी को छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।
दिसंबर 2023 में लोकसभा अध्यक्ष ने मोइत्रा को “अनैतिक आचरण” के लिए निष्कासित कर दिया था। पूर्व सांसद ने अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
लोकपाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे द्वारा मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच के निष्कर्ष प्राप्त करने के बाद सीबीआई को निर्देश जारी किए हैं।
नीतिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि मोइत्रा ने उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य पर हमला करने के लिए हीरानंदानी से नकदी और उपहार के बदले लोकसभा में सवाल पूछे थे।
महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी को पहले इसी मामले के सिलसिले में सीबीआई की एफआईआर में नामित किया गया था। 21 मार्च को दर्ज की गई एफआईआर में मोइत्रा और हीरानंदानी पर “आपराधिक साजिश, लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध, लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध और उकसाने” का आरोप लगाया गया था।