महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के कद्दावर नेता मनोहर जोशी का शुक्रवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। उन्हें 21 फरवरी को दिल का दौरा पड़ने के बाद हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था और गहन चिकित्सा इकाई में उनका इलाज किया जा रहा था। आज सुबह 3.02 बजे उनका निधन हो गया। पीएम मोदी, महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस और कई दलों के नेताओं ने मनोहर जोशी के निधन पर शोक जताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनोहर जोशी के निधन पर दुख व्यक्त किया और विभिन्न पदों पर उनके योगदान को याद करते हुए कहा, एक विधायक के रूप में उन्हें उनके परिश्रम के लिए याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “मनोहर जोशी जी के निधन से दुख हुआ। वह एक अनुभवी नेता थे जिन्होंने सार्वजनिक सेवा में वर्षों बिताए और नगरपालिका, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तमाम जिम्मेदारियां निभाईं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने राज्य की प्रगति के लिए अथक प्रयास किया। केंद्रीय मंत्री के रूप में भी उन्होंने उल्लेखनीय योगदान दिया। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने हमारी संसदीय प्रक्रियाओं को अधिक जीवंत और सहभागी बनाने का प्रयास किया। मनोहर जोशी जी को एक विधायक के रूप में उनकी कर्मठता के लिए भी याद किया जाएगा। उन्हें चारों विधानमंडलों में सेवा करने का गौरव प्राप्त हुआ। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना है।”
मनोहर जोशी का जन्म 2 दिसंबर 1937 को रायगढ़ जिले के नंदवी के छोटे से गांव में हुआ था। मुंबई की प्रतिष्ठित ‘वीरमाता जीजाबाई तंत्रज्ञान संस्था’ (वीजेटीआई) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। उन्हें बचपन से ही संघर्ष करना पड़ा है। वह उच्च शिक्षा के लिए मुंबई आए थे।
जोशी के राजनीतिक करियर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने के साथ हुई। बाद में वह 1967 में शिवसेना के सदस्य बन गए। जोशी 1980 के दशक में शिवसेना के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे। वह अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते थे। वह बालासाहेब ठाकरे से बहुत प्रभावित थे। मनोहर जोशी को ठाकरे परिवार की चार पीढ़ियों के कार्यों को देखने का सौभाग्य मिला। उन्होंने प्रबोधंकर ठाकरे, बालासाहेब ठाकरे, उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे का काम देखा है।
मनोहर जोशी 1995 से 1999 तक शिवसेना-भाजपा गठबंधन के तहत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। वह 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे। वरिष्ठ शिव सेना नेता ने अपना करियर एक शिक्षक के रूप में शुरू किया और 1967 में राजनीति में प्रवेश किया।
जोशी के कार्यकाल के दौरान मुंबई में 50 फ्लाईओवर बनाए गए थे। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का निर्माण करवाया। उन्होंने राज्य के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की। अपने कार्यकाल के दौरान, मनोहर जोशी ने कृष्णा घाटी विकास बोर्ड, फ्लाईओवर, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, झुग्गियों में रहने वालों के लिए मुफ्त आवास योजना, धारावी झुग्गियों का सौंदर्यीकरण, एक रुपये का नाश्ता, सुलभ शौचालयों का निर्माण, खेल कोचों की स्थापना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए यात्रा किराए में रियायत, मातोश्री वृद्धाश्रम आदि जैसी विभिन्न योजनाओं को लागू किया।
दिग्गज नेता पिछले कुछ समय से सक्रिय राजनीति से दूर थे।
जोशी, बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद विश्वासपात्रों में से एक थे। उनकी राजनीतिक यात्रा तब शुरू हुई जब उन्होंने शिवसेना के बैनर तले महाराष्ट्र विधान परिषद में पार्षद के रूप में सफलतापूर्वक सीट हासिल की। इसके अलावा, जोशी ने 1976 से 1977 की अवधि के दौरान मुंबई के मेयर के रूप में भी कार्य किया।
इसके बाद वे 1972 में महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए चुने गए। विधान परिषद में तीन कार्यकाल पूरा करने के बाद, श्री जोशी 1990 में महाराष्ट्र विधान सभा के लिए चुने गए।
उन्होंने 1990-91 के दौरान महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में भी कार्य किया।
1999 के आम चुनावों में उन्होंने शिवसेना के टिकट पर मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी।