न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ आरोप लगाया गया है कि उन्हें चीन समर्थक प्रचार के लिए धन मिला था। न्यूज़क्लिक के मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों को बुधवार सुबह न्यायाधीश के समक्ष उनके आवास पर पेश किया गया और उन्हें 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। इससे पहले मंगलवार को प्रबीर पुरकायस्थ को पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल कार्यालय लाया गया था। इसके अलावा पुलिस ने न्यूक्लिक के दफ्तर को भी सील कर दिया है।
दिल्ली पुलिस ने यूएपीए मामले में मंगलवार को ऑनलाइन पोर्टल न्यूज़क्लिक से जुड़े कई पत्रकारों और कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की। पुलिस ने मामले में कुल 46 लोगों (37 पुरुष संदिग्धों और 9 महिला संदिग्धों) से पूछताछ की है। छापेमारी के दौरान पुलिस ने लैपटॉप और मोबाइल फोन सहित इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए और हार्ड डिस्क के डेटा डंप लिए। तलाशी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा साझा किए गए इनपुट पर आधारित थी, जो संदिग्धों द्वारा कथित गैरकानूनी गतिविधियों का संकेत देती है।
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सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने उनकी विदेश यात्रा, शाहीन बाग में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ किसानों के आंदोलन सहित विभिन्न मुद्दों पर 25 सवालों की एक सूची पेश की।
ईडी ने पहले फंडिंग के स्रोतों की जांच के लिए फर्म के परिसरों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों ने कहा कि स्पेशल सेल अब केंद्रीय एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट के आधार पर तलाशी जारी रख रही है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में मंगलवार की सुबह न्यूजक्लिक और उससे जुड़े पत्रकारों के घर पर छापेमारी शुरू की थी। जिन पत्रकारों के घर पुलिस पहुंची उनमें अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, औनिंद्यो चक्रवर्ती और परंजय गुहा ठाकुरता सहित अन्य लोग है। बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने एक नया मामला दर्ज किया है। पुलिस उस इनपुट के आधार पर एक्शन ले रही है, जो ED ने साझा किया था। ED की जांच में 3 साल के अंदर 38 करोड़ रुपए के फेक विदेशी फंड ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ था। ये पैसे गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों के अलावा कई पत्रकारों को दिए गए थे।
इन पैसों के लेनदेन का खुलासा ED की जांच में हुआ था। इसमें एफडीआई के जरिए 9.59 करोड़ रुपये और सर्विस एक्सपोर्ट के बदले 28.46 करोड़ रुपए देने की बात सामने आई थी। चीन से आया पैसा कुछ विदेशी फर्मों के माध्यम से न्यूज़क्लिक तक पहुंचा। यही पैसा न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों को भी दिया गया था।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, वेबसाइट हाल ही में भारत में चीन समर्थक प्रचार के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम से कथित तौर पर धन प्राप्त करने के कारण सुर्खियों में आई थी।
वहीं इस मामले पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कहा कि वह न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों और लेखकों के घरों पर छापेमारी को लेकर बेहद चिंतित है। एक बयान में कहा गया, “न्यूज़क्लिक से जुड़े पत्रकारों और लेखकों के घरों पर की गई कई छापेमारी से प्रेस क्लब ऑफ इंडिया काफी चिंतित है। हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और एक विस्तृत बयान जारी करेंगे।”
इसमें आगे कहा गया है, “पीसीआई पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़ी है और सरकार से विवरण सामने लाने की मांग करती है।”