भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद जयंत सिन्हा को संगठनात्मक कार्यों और प्रचार में “रुचि नहीं लेने” के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी ने उन्हें दो दिन के अंदर जवाब देने को कहा है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे सिन्हा ने पांचवें चरण के मतदान के दौरान सोमवार को हजारीबाग में अपना वोट भी नहीं डाला।
पार्टी द्वारा दिए गए नोटिस में कहा गया, “जब से पार्टी ने मनीष जयसवाल को हज़ारीबाग़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है तब से आप संगठनात्मक कार्यों और चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इसके बावजूद इस लोकतंत्र के महापर्व में आपने अपने मताधिकार का प्रयोग करना भी उचित नहीं समझा। आपके आचरण से पार्टी की छवि खराब हुई है।”
यह घटनाक्रम सिन्हा के बेटे आशीष सिन्हा द्वारा झारखंड के बरही में विपक्षी इंडिया ब्लॉक की एक चुनावी रैली में भाग लेने के कुछ दिनों बाद आया है। रैली में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे।
रैली के दौरान आशीष सिन्हा ने कांग्रेस प्रत्याशी जेपी पटेल के प्रति अपना समर्थन जताया।
इससे पहले इसी साल मार्च में जयंत सिन्हा ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी और भाजपा नेतृत्व से उन्हें चुनावी राजनीति से मुक्त करने का अनुरोध किया था।
जयंत सिन्हा और उनके पिता यशवंत सिन्हा ने 1998 से 26 वर्षों से अधिक समय तक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
एक्स पर एक पोस्ट में, सिन्हा ने कहा कि वह भारत और दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। हालाँकि, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वह आर्थिक और शासन संबंधी मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखेंगे।
भाजपा ने धनबाद विधायक राज सिन्हा को भी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार के खिलाफ उनके बयान के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।