पुणे पुलिस ने 17 वर्षीय लड़के के पिता को गिरफ्तार किया है जिसने अपनी तेज रफ्तार पोर्शे कार से एक बाइक को टक्कर मार दी थी और दो लोगों की जान ले ली थी। विशाल अग्रवाल के खिलाफ सोमवार (20 मई) को मामला दर्ज होने के बाद उन्हें महाराष्ट्र के औरंगाबाद में गिरफ्तार कर लिया गया। मंगलवार को बार के मालिक और मैनेजर को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जहां नाबालिग को पिज़्ज़ा और शराब परोसी गई थी। पुणे सीपी अमितेश कुमार ने बताया कि नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल (एक रियल एस्टेट डेवलपर) को मंगलवार सुबह संभाजीनगर से हिरासत में लिया गया।
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दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर – अनीश अवधिया और उनकी दोस्त अश्विनी कोष्टा – की रविवार तड़के मृत्यु हो गई, जब वे जिस मोटरसाइकिल पर जा रहे थे, उसे पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक पोर्श ने टक्कर मार दी। अश्विनी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अनीश को शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कुछ देर बाद उसकी भी मौत हो गई। 17 वर्षीय आरोपी को उसकी हिरासत के 14 घंटे के भीतर एक जिला अदालत ने जमानत दे दी, जिससे बड़े पैमाने पर आक्रोश फैल गया।
कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि 17 वर्षीय नाबालिक आरोपी को हिरासत में लेने के बाद थाने में पिज्जा, बर्गर और बिरयानी खिलाई गई।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मांग की कि पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार को बर्खास्त किया जाना चाहिए, और दावा किया कि नाबालिग को हिरासत में लेने के बाद पुलिस स्टेशन में पिज्जा और बर्गर परोसा गया था। उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के एनसीपी गुट के एक विधायक पर पुलिस स्टेशन में मौजूद रहने और 17 वर्षीय किशोर की मदद करने का भी आरोप लगाया।
राउत ने कहा, “पुलिस कमिश्नर को सस्पेंड किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोपियों को बचाने की कोशिश की। एक युवा जोड़े की हत्या कर दी गई और आरोपी को 2 घंटे के भीतर जमानत दे दी गई। वीडियो में देखा जा सकता है कि आरोपी नशे में था, लेकिन उसकी मेडिकल रिपोर्ट नेगेटिव थी। आरोपी की मदद कौन कर रहा है? ये पुलिस कमिश्नर कौन है? उन्हें हटाया जाना चाहिए नहीं तो पुणे की जनता सड़कों पर उतरेगा।”
पुणे पुलिस आयुक्त को निलंबित करने की अपनी मांग दोहराते हुए, राउत ने कहा कि अन्यथा पुणे के लोग सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होंगे।
महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक रवींद्र धांगेकर ने भी इसी तरह के आरोप लगाए। उन्होंने यरवदा पुलिस स्टेशन में “खत्म हो चुकी कानून-व्यवस्था” को जिम्मेदार ठहराया, जहां नाबालिग और स्पोर्ट्स कार में सवार अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया था।
उन्होंने कहा, “यरवदा पुलिस स्टेशन में बिकी हुई कानून-व्यवस्था, जिसने मामूली धाराएं लगाकर बच्चे की जमानत के लिए रेड कार्पेट बिछाया। जिस लड़के ने पैसे के लिए दो बच्चों को चींटियों की तरह कुचल दिया, उसे पुलिस स्टेशन में लाकर बिरयानी और पिज्जा खिलाया गया।”
आरोपी नाबालिग को “सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव और उनके समाधान” पर 300 शब्दों का निबंध लिखने सहित कई शर्तों पर जमानत दी गई थी।
पुणे सीपी अमितेश कुमार ने कहा, ”हमने जिला अदालत में एक आवेदन दायर किया है कि नाबालिक आरोपी के साथ एक वयस्क की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए क्योंकि यह एक बहुत ही जघन्य मामला है। हमें विश्वास है कि हमें एक अनुकूल आदेश मिलेगा। दूसरा मामला पिता और पब के प्रबंधन सहित कुल 5 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया था। 3 लोगों को कल गिरफ्तार किया गया था और आज उनके पिता और एक अन्य आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें कल कोर्ट में पेश किया जाएगा। सबसे कड़ी धाराएं लगाई गई हैं। अगर कोई कानूनी विशेषज्ञ इससे भी सख्त रास्ता सुझा सकता है तो मैं किसी भी मंच पर बहस के लिए तैयार हूं।’ गाड़ी पर नंबर प्लेट क्यों नहीं थी?, इन सभी बातों की जांच की जा रही है।’
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इस हादसे में जान गवां चुके दो युवाओं के परिवार बिखर चुके हैं। किसी की इकलौती बेटी चली गई तो किसी का बेटा। पुलिस की कार्रवाई और फिर कोर्ट से आरोपी को मिली शर्त के बाद पीड़ित परिवार गम में भी है और गुस्सा में भी।
अश्वनी के पिता सुरेश कोस्टा ने कहा कि बेटी ने पढ़ाई वहीं (पुणे) की थी और जॉब भी वहीं लगी थी उसकी। वह दिसंबर में गई थी। अब हमारे सारे सपने चूर हो चुके हैं। वहीं इसी घटना में जान गंवाने वाले अनीष के चाचा ने भी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। मृतक अनीष के पिता अखिलेश अवधिया ने कहा कि यह केस वास्तव में 304 A का है। पुलिस ने गलत विवेचना की है। बेल की जो कंडीशन है, ये हास्यास्पद है। नए एक्ट के मुताबिक 7 साल की सजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में पुलिस बिक चुकी है। 304 के तहत आरोपियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की हत्या की है। जुवेनाइल बोलकर आरोपी को छोड़ दिया गया।
पुणे पोर्श दुर्घटना से जुड़े ताजा घटनाक्रम ये हैं:
NCPCR के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने कहा, ”नाबालिग को कार देना और शराब पिलाना गलत है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। उसके पिता के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने अपना काम कर दिया है, अब कानून अपना काम करेगा, लेकिन किसी भी हालत में नाबालिग की पहचान उजागर नहीं की जानी चाहिए।”
पुणे कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल 17 वर्षीय लड़के के पिता को मंगलवार को छत्रपति संभाजीनगर में गिरफ्तार किया गया। रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 और 77 के तहत मामला दर्ज किया गया।
नाबालिगों को शराब परोसने के आरोप में दो बार के तीन अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया। कोसी रेस्टोरेंट के मालिक प्रल्हाद भूतड़ा और मैनेजर सचिन काटकर और होटल ब्लैक के मैनेजर संदीप सांगले को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को सोशल मीडिया पर एक बार का सीसीटीवी फुटेज सामने आया, जिसमें नाबालिग शराब पीते दिख रहा है।
एफआईआर के मुताबिक, नाबालिग और उसके दोस्त रात साढ़े नौ बजे से 12 बजे के बीच कोजी बार में पार्टी कर रहे थे। फिर, वे ब्लैक नामक एक अन्य बार में चले गए और रात 1 बजे तक वहां पार्टी की। हादसा रविवार सुबह करीब सवा तीन बजे हुआ।
अश्विनी के पिता ने कहा कि उनके सपने चकनाचूर हो गए। सुरेश कोष्टा ने बताया कि अश्विनी ने पुणे में पढ़ाई की थी और दिसंबर में उसे नौकरी मिल गई थी। अश्विनी के भाई संप्रीत ने कहा कि लापरवाही से गाड़ी चलाने की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। संप्रीत ने कहा, “वह रोजाना अपने पिता से बात करती थी। शनिवार को उसने हमें बताया कि वह एक डिनर पार्टी के लिए बाहर जा रही है।”
पीड़ितों में से एक अनीश अवधिया के चाचा ने निष्क्रियता के लिए पुणे पुलिस की आलोचना की। अखिलेश अवधिया ने आरोपी किशोर पर लगाई गई जमानत की शर्तों को हास्यास्पद बताया और नाबालिग को ‘मानव बम’ बताया।
हादसे के बाद आरोपी नाबालिग को जुवेनाइल न्याय बोर्ड के सामने पेश किया गया, जहां से उसे जमानत मिल गई। किशोर को सड़क दुर्घटनाएं और उनके समाधान विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए भी कहा गया।
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने पहले कहा था कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि कार पर नंबर प्लेट क्यों नहीं थी और अस्थायी नंबर प्लेट कितने समय के लिए लगाई गई थी।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि कार में तीन लोग थे, लेकिन दुर्घटना के बाद उनमें से एक दुर्घटनास्थल से भाग गया। प्रत्यक्षदर्शी ने आरोप लगाया कि स्पोर्ट्स कार में सवार तीनों लोग नशे में थे।