राज्यसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पारित होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन पर दिल्लीवासियों की आजादी छीनने का आरोप लगाया और कहा कि यह राष्ट्रीय राजधानी के लिए “ब्लैक डे” है। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने दिल्ली में सेवाओं पर लेफ्टिनेंट सरकार (एलजी) को नियंत्रण देने के लिए लाए गए अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक पर बोलते हुए कहा कि यह दिल्ली के मतदाताओं की मतदान शक्ति को खत्म कर देगा क्योंकि अंतिम अधिकार पीएम मोदी और एलजी के पास होगा।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने दिल्ली पर नियंत्रण पाने के लिए “पिछले दरवाजे से डकैती” को अंजाम दिया है क्योंकि भगवा पार्टी दो बार विधानसभा चुनाव जीतने में विफल रही है।
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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने राज्यसभा में दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला बिल पास कर दिया। यह कानून अंग्रेजों द्वारा 1935 में लाए गए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया कानून जैसा है। दिल्ली के लोग अपनी पसंद की सरकार तो चुनेंगे, लेकिन उस सरकार को काम करने की कोई शक्ति नहीं होगी। एक तरह से प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट जो मर्जी आदेश पास करे, अगर मुझे पसंद नहीं आया तो कानून बना कर उसको पलट दूंगा। ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब इन लोगों को लगा कि आम आदमी पार्टी को हराना मुश्किल है, तब इन्होंने चोर दरवाजे से अध्यादेश लाकर दिल्ली की सत्ता हथियाने की कोशिश की है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि भारत एक जनतंत्र है। इस जनतंत्र में जनता अपनी सरकार चुनती है और उस सरकार को जनता के लिए काम करने की पूरी ताकत होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का जैसे ही आदेश आया, उसके एक हफ्ते के बाद ही प्रधानमंत्री जी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया और उसके खिलाफ़ एक अध्यादेश लेकर आए। सोमवार को हमारे देश की संसद ने उस अध्यादेश को इस देश का कानून बना दिया कि अब दिल्ली के लोगों की चुनी हुई सरकार को काम करने की कोई ताकत नहीं होगी। अब इस कानून में लिखा है कि दिल्ली के लोग जो मर्जी सरकार बनाएं, लेकिन उस सरकार को सीधे-सीधे एलजी और मोदी जी चलाएंगे। इससे साफ ज़ाहिर है कि प्रधानमंत्री मोदी जी कह रहे हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानता। जिस देश के प्रधानमंत्री उस देश की सर्वाेच्च अदालत को नहीं मानता, उस देश का क्या भविष्य हो सकता है? सीधे सीधे वो कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट जो मर्जी आदेश पास करे, अगर मुझे सुप्रीम कोर्ट का आदेश पसंद नहीं आया तो मैं उसके खिलाफ कानून बना कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दूंगा। इन लोगों को इतना अहंकार हो गया।
केजरीवाल ने कहा, “आप ने दिल्ली में पिछले चार चुनावों में बीजेपी को हराया है। बीजेपी पिछले 25 सालों से दिल्ली में सरकार नहीं बना पाई है। उन्होंने कहा कि आप को हराना संभव नहीं है। इसलिए, सोचा कि पिछले दरवाजे से उन्होंने दिल्ली पर नियंत्रण लूट लिया है।”
उन्होंने कहा कि दिल्ली के नागरिकों ने भाजपा को 2015 में सिर्फ 3 सीटें और 2020 के विधानसभा चुनाव में 7 सीटें देकर स्पष्ट रूप से बता दिया था कि वह दिल्ली के कामकाज में हस्तक्षेप न करे।
केजरीवाल ने कहा, “हालांकि, पीएम मोदी ने दिल्ली के लोगों की बात नहीं सुनी। अहंकार का स्तर इतना है कि वह सुप्रीम कोर्ट की भी बात सुनने से इनकार कर देते हैं।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिल्ली के “बेटे” हैं और पीएम मोदी “नेता” (राजनेता) बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली के लोगों से “नफरत” करती है।
उन्होंने कहा, “भाजपा दिल्ली के लोगों से नफरत करती है। केजरीवाल ने कहा, आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली के मतदाता भाजपा को एक भी सीट नहीं देंगे।
केजरीवाल ने कहा कि मैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को संसद में भाषण देते सुन रहा था। वो संसद में कहते हैं कि ये लोग झगड़ते बहुत हैं। मैं बच्चों के लिए स्कूल बनाता हूं तो ये लोग मुझे स्कूल नहीं बनाने देते। फिर मैं जब इनसे कहता हूं कि मुझे स्कूल बनाने दो तो ये कहते हैं कि केजरीवाल झगड़ता बहुत है। मैं मोहल्ला क्लीनिक बनाता हूं तो इन लोगों ने मेरे मोहल्ला क्लीनिक तुड़वा दिए। मैं कहता हूं कि मुझे मोहल्ला क्लीनिक बनाने दो तो ये कहते हैं कि केजरीवाल झगड़ता बहुत है। मैं अस्पताल में दवाइयाँ फ्री करता हूं तो कहते हैं कि दवाइयां फ्री क्यों करता हूं? मैं बिजली फ्री करता हूं तो कहते हैं कि केजरीवाल तो फ्री की रेवड़ियां दे रहा है। मैं जो भी करता हूं, चाहे झगड़ता हूं, दिल्ली के लोगों को पसंद हूं। इसलिए चार-चार बार दिल्ली के लोगों ने मुझे चुना है। मैं जो भी कर रहा हूं, ठीक ही कर रहा होगा, तभी तो दिल्ली के लोगों ने चार-चार बार मुझे वोट दिया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री को याद दिलाते हुए कहा कि 2014 के चुनाव में पीएम मोदी ख़ुद दिल्ली आए थे। उनको अपना भाषण देखना चाहिए। मोदी जी ने दिल्ली की जनता से वादा किया था कि मुझे प्रधानमंत्री बना दो, मैं अब दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाउंगा। हर चुनाव से पहले भाजपा ने दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए आंदोलन किए हैं और आज प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लोगों की पीठ में छुरा घोंप दिया और अपने वादे से मुकर गए। अगर प्रधानमंत्री ऐसे करेंगे तो उन पर कौन यक़ीन करेगा? 2014 में प्रधानमंत्री ने ख़ुद बोला था कि मैं दिल्ली को फ़ुल स्टेटहुड बनाऊंगा तो अब जनता आपके उपर कैसे यक़ीन करेगी? 2015 में जैसे ही हमारी सरकार बनी, आपने एक नोटिफिकेशन जारी कर हमारी शक्तियां छीन ली। फिर भी हमने काम किया और फिर 2020 में दिल्ली की जनता ने हमें फिर से वोट दिया और 62 सीट देकर आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई। क्योंकि मैं दिल्ली का बेटा हूं और पीएम मोदी दिल्ली के नेता बनना चाहते हैं। दिल्ली के लोगों को अपना बेटा पसंद है, दिल्ली के लोगों को मोदी जी जैसे नेता नहीं चाहिए।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 या दिल्ली सेवा विधेयक, सोमवार, 7 अगस्त को राज्यसभा में पारित कर दिया गया। बिल के पक्ष में 131 वोट पड़े और विपक्ष में 101 वोट पड़े। यह विधेयक, जो आम आदमी पार्टी और केंद्र के बीच विवाद का विषय रहा है, 3 अगस्त को लोकसभा में पारित किया गया था।