खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों के खिलाफ असम सरकार की कार्रवाई को लेकर सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के आतंकवादी गुरपतवन सिंह पन्नू ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को एक ऑडियो मैसेज के जरिये धमकी दी है। सरमा को धमकी मिलने के बाद राज्य पुलिस ने मुख्यमंत्री की सुरक्षा बढ़ा दी है। सीएम सरमा को मिली कथित धमकी में कहा गया है कि असम की जेलों में अमृतपाल के सहयोगियों को राज्य सरकार की ओर से प्रताड़ित किया जा रहा है।
पन्नू ने मुख्यमंत्री को धमकी देते हुए कहा, “असम में कैद खालिस्तान समर्थकों को प्रताड़ित किया गया है। बहुत ध्यान से सुनो सीएम सरमा, लड़ाई खालिस्तान समर्थक सिखों और भारतीय प्रशासन के बीच है।” धमकी भरे ऑडियो मैसेज में एसजेएफ के जनरल काउंसिल ने आगे कहा, “सरमा, इस हिंसा का शिकार मत बनो।”
पन्नू ने कहा, “हम खालिस्तान जनमत संग्रह की एक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से भारतीय कब्जे से पंजाब की मुक्ति की मांग कर रहे हैं। यदि आपकी सरकार छह (डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद अमृतपाल के सहयोगियों) को प्रताड़ित और परेशान कर रही है, तो आपको जवाबदेह ठहराया जाएगा।”
इस धमकी के बाद असम पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मालूम हो कि गुरपतवंत सिंह पन्नू ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ का स्वयंभू सरगना है जो अमेरिका में रह रहा है और भारत में मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल है।
असम के पुलिस महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, ”असम के एसटीएफ पुलिस थाने में आईपीसी और यूएपी अधिनियम की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उभरते खतरे को देखते हुए माननीय मुख्यमंत्री की सुरक्षा को पर्याप्त रूप से संवेदनशील बनाया गया है। वैश्विक घटनाओं को देखते हुए असम पुलिस इस धमकी को लेकर काफी गंभीर है। केंद्रीय एजेंसियों को भी इस मुद्दे के बारे में सूचित कर तैयार रखा गया है। ”
Reference audio clip threatening Hon CM Assam by a person called Gurpatwant Singh Pannu, a designated individual terrorist under Indian law and heading an unlawful association called Sikh for Justice –
1. A case under appropriate sections of IPC and UAP Act has been registered…— GP Singh (@gpsinghips) April 2, 2023
बता दें कि अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई 18 मार्च को शुरू हुई थी। उसके कुछ हफ्ते बाद उसने और उसके समर्थकों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई के लिए अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था। हालांकि अमृतपाल सिंह पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा और पुलिस के अनुसार कई बार अपना रूप बदलकर अलग-अलग वाहनों में भाग निकला। पंजाब पुलिस ने उसके कई साथियों को वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास और हमले, पुलिस कर्मियों और लोक सेवकों द्वारा वैध कर्तव्य निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने से संबंधित आपराधिक मामलों में गिरफ्तार या हिरासत में लिया है। उन्होंने उनमें से कुछ के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी लगाया है।