दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही शराब नीति मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की न्यायिक हिरासत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी। अब सिसोदिया 17 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे।
पिछले हफ्ते एक विशेष सीबीआई अदालत ने आबकारी नीति घोटाले में सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वह “प्रथम दृष्टया वास्तुकार” थे और उन्होंने 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में “सबसे महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण भूमिका” निभाई थी।
बता दें कि सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। ईडी ने 9 मार्च को तिहाड़ जेल में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था, जहां उन्हें सीबीआई द्वारा जांच की जा रही मामले के संबंध में रखा गया है। ईडी के अनुसार, मनीष सिसोदिया दिल्ली शराब नीति मामले में “जांच को बाधित करने के लिए बड़े पैमाने पर डिजिटल सबूतों को नष्ट करने” में शामिल थे और उन्होंने 14 फोन बदले और नष्ट कर दिए थे। एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने उस जानकारी को छुपाया था जो उनके “अनन्य ज्ञान” में है और “जांच के लिए बेहद प्रासंगिक” है। इससे पहले, केंद्रीय एजेंसी ने अदालत को बताया था कि सिसोदिया वास्तव में अपराध की आय के अधिग्रहण, कब्जे और उपयोग से जुड़ी गतिविधि में शामिल थे और इसलिए वे मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के दोषी हैं।