आम आदमी पार्टी (आप) के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि टाइप-2 डायबिटीज के मरीज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुगर का स्तर 320 तक पहुंचने के बाद तिहाड़ जेल में इंसुलिन दिया गया। इससे एक दिन पहले जेल में बंद मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि “इंसुलिन से इनकार” विवाद के बीच उनके स्वास्थ्य पर जेल प्रशासन का हालिया बयान झूठा था। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद मुख्यमंत्री को दी गई यह पहली इंसुलिन खुराक थी।
AAP सुप्रीमो फिलहाल तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।
तिहाड़ जेल के एक सूत्र ने बताया कि एम्स के एक डॉक्टर द्वारा जेल प्रशासन को बेहद जरूरी होने पर एक खुराक देने की सलाह देने के बाद सोमवार शाम को केजरीवाल को दो यूनिट इंसुलिन दी गई।
जब आप प्रमुख रोजेल में नहीं थे तो रोजाना 50 यूनिट इंसुलिन लेते थे।
इससे पहले सोमवार को केजरीवाल ने तिहाड़ के अधीक्षक को लिखे एक पत्र में कहा था कि वह इंसुलिन का अनुरोध कर रहे थे क्योंकि उनके ग्लूकोज मीटर रीडिंग में 250 और 320 के बीच “खतरनाक” रेंज थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि जेल प्रशासन “राजनीतिक दबाव” के कारण उनके स्वास्थ्य के बारे में झूठ बोल रहा है।
तिहाड़ जेल के सूत्र ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को जेल परिसर में अपनी पत्नी सुनीता से भी मुलाकात की।
जेल के एक सूत्र ने पहले कहा था कि 20 अप्रैल को एम्स के डॉक्टरों ने शनिवार को आप सुप्रीमो को 40 मिनट का परामर्श दिया, जिसके दौरान उन्हें कोई गंभीर स्वास्थ्य चिंता नहीं होने का आश्वासन दिया गया और निर्धारित दवाएं लेना जारी रखने की सलाह दी गई।
सूत्र ने बताया कि परामर्श के दौरान मुख्यमंत्री के ग्लूकोज मॉनिटरिंग सेंसर के पूरे रिकॉर्ड के साथ-साथ उनके आहार और दवाओं के विवरण की भी जांच की गई।
सूत्र ने बताया कि हालांकि इंसुलिन का मुद्दा न तो केजरीवाल ने उठाया और न ही वीडियो परामर्श के दौरान डॉक्टरों ने इसका सुझाव दिया।
मंगलवार को आप नेता सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के बाद से, उन्होंने बार-बार कहा है कि उनके ब्लड शुगर का स्तर 300 के स्तर को पार कर गया है और उन्हें कोई इंसुलिन नहीं दिया गया है।
उन्होनें कहा, “अरविंद केजरीवाल को मुसीबत में डालने के लिए जानबूझ कर साजिशों के जरिए उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। आज बीजेपी और केंद्र सरकार पूरी तरह से बेनकाब हो गई है। कोर्ट के आदेश के बाद जब एम्स के विशेषज्ञ ने उन्हें (केजरीवाल) देखा. फिर इंसुलिन प्रदान किया गया।”
इंसुलिन विवाद तब और बढ़ गया जब प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले हफ्ते आरोप लगाया कि केजरीवाल अपने ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाने और चिकित्सा जमानत के लिए आधार बनाने के प्रयास में रोजाना आम, आलू पुरी और मिठाई खा रहे थे।
उनके वकील ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने जेल में केवल तीन बार आम खाया और नवरात्र के प्रसाद के रूप में आलू पूरी खाई।