झारखंड उच्च न्यायालय ने दुमका में स्पेनिश महिला के साथ सामूहिक बलात्कार मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और पुलिस अधीक्षक को गुरुवार तक घटना के बारे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस चन्द्रशेखर और न्यायमूर्ति नवनीत कुमार की खंडपीठ ने मामले में प्रतिवादी के रूप में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव के अलावा दुमका एसपी को नोटिस जारी किया। अदालत ने दुमका के पुलिस अधीक्षक को अदालत के समक्ष अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और सुनवाई 7 मार्च को तय की है।
उच्च न्यायालय ने कहा, “किसी विदेशी नागरिक के खिलाफ किसी भी प्रकार के अपराध की घटनाओं के गंभीर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिणाम हो सकते हैं, जिसमें देश की पर्यटन अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।”
अदालत ने कहा, “किसी विदेशी महिला के खिलाफ यौन-संबंधी अपराध से देश के खिलाफ प्रतिकूल प्रचार होने की संभावना है, जिससे दुनिया भर में भारत की छवि खराब होगी।” अदालत ने इस मामले में सुनवाई 7 मार्च को निर्धारित की।
रांची से लगभग 300 किमी दूर दुमका में एक स्पेनिश महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था जहां वह अपने पति के साथ एक तंबू में रात बिता रही थी। घटना हंसडीहा थाना क्षेत्र के कुरुमाहाट की है। इस वारदात में सात लोग शामिल थे। मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
महिला और उसका पति एशिया की एक बड़ी यात्रा पर हैं और पर्यटक वीजा पर भारत आए थे। दंपति पहले पाकिस्तान गए, जहां से वे दुमका पहुंचने से पहले बांग्लादेश गए। वे झारखंड से नेपाल जाने की योजना बना रहे थे।
महिला का फिलहाल सरैयाहाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इस बीच जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीड़ित मुआवजा समिति ने पीड़िता को 10 लाख रुपए (11126.20 यूरो) का मुआवजा दिया है। यह मुआवजा झारखंड विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के तहत दिया गया। डीसी ए.दोड्डे, एसपी पीताम्बर सिंह खैरवार और पीडीजे अनिल कुमार मिश्रा की मौजूदगी में मुआवजे का चेक पीड़िता के पति को सौंपा गया।