कांग्रेस पार्टी छोड़ने के एक दिन बाद मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया भाजपा में शामिल हो गए। मोढवाडिया गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के पूर्व नेता थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में पोरबंदर से चुने जाने पर वह दो बार विधायक बने। मोढवाडिया के साथ दो और पूर्व विधायक अंबरीश डेर और मुलुभाई कंदोरिया भी आज भाजपा में शामिल हो गए। पूर्व कांग्रेस नेता भाजपा की गुजरात राज्य इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल की उपस्थिति में शामिल हुए।
अर्जुन मोढवाडिया ने 40 साल तक पार्टी में रहने के बाद सोमवार को गुजरात विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। मोढवाडिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भेजकर पार्टी से इस्तीफे की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वह “लोगों के लिए योगदान देने में असहाय महसूस कर रहे थे” और इसलिए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
खरगे को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, “प्रभु राम सिर्फ हिंदुओं के लिए पूजनीय नहीं हैं, बल्कि वह भारत के आस्था हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने से भारत के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। एक पार्टी के रूप में कांग्रेस लोगों की भावनाओं का आकलन करने में विफल रही है। इस पवित्र अवसर से ध्यान भटकाने और अपमानित करने के लिए, राहुल गांधी ने असम में हंगामा खड़ा करने का प्रयास किया, जिसने हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और भारत के नागरिकों को और नाराज किया।”
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उन्होंने उल्लेख किया कि जब कांग्रेस ने 11 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को अस्वीकार करने का फैसला किया तो उन्होंने असहमति जताई थी। बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने 10 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था और इसे “आरएसएस/भाजपा कार्यक्रम” कहा था।
भगवान राम को “भारत की आस्था” बताते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने “लोगों की भावनाओं” को ठेस पहुंचाई है और पार्टी “लोगों की भावनाओं का आकलन करने में विफल” रही है।
उन्होंने पत्र में कहा, ”मैं ऐसे कई लोगों से मिला हूं जो अयोध्या महोत्सव का बहिष्कार करके जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने भगवान राम का अपमान किया, उससे आहत थे।”
उन्होंने पत्र में आगे कहा, ”पिछले चार दशकों में मेरे प्रति स्नेह के लिए मैं पार्टी नेतृत्व और उसके कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।”
पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अर्जुन मोढवाडिया ने मीडिया से भी बातचीत की और कहा, “मैंने गुजरात कांग्रेस के हर पदों से इस्तीफा दे दिया है। मैंने पार्टी को खून, पसीना देकर मजबूत करने की कोशिश की। मैं जनता में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन लाने की कल्पना से कांग्रेस में शामिल हुआ था। जिस तरह से पार्टी जनता से दूर चली गई है उसपर मैंने कई बार ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की लेकिन मैं विफल रहा।”
इससे पहले सोमवार दिन में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अंबरीश डेर ने भी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर दी। गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने डेर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निलंबित कर दिया था।
मोढवाडिया गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और विपक्ष के पूर्व नेता थे। 2022 के विधानसभा चुनाव में पोरबंदर से चुने जाने पर वह दो बार विधायक बने।
मालूम हो कि 2024 के आम चुनाव से बमुश्किल कुछ महीने पहले विपक्षी दलों के कई नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। हालिया बदलाव न केवल भाजपा के लिए एक बढ़ावा है, बल्कि विपक्षी दलों की ताकतों को भी कमजोर कर रहा है।