पश्चिम बंगाल सरकार ने संदेशखाली में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक DIG-रैंक महिला अधिकारी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय टीम का गठन किया है। यह टीम संदेशखाली का दौरा करेगी और उन महिलाओं से बात करेगी जिन्होंने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्यों द्वारा उनका यौन उत्पीड़न किया गया।
संदेशखाली में महिलाएं कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और टीएमसी नेता शाजहान शेख और सहयोगी “गिरोह” की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। ये महिलाएं उन पर जबरन जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा रही हैं। बीते 9 फरवरी को इनका विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया क्योंकि गुस्साए ग्रामीणों ने स्थानीय टीएमसी नेताओं की संपत्तियों को आग लगा दी थी।
कथित राशन घोटाले में उसके आवास पर छापेमारी के दौरान भीड़ द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमला करने के बाद से वांछित शाजहान शेख पिछले महीने से फरार है।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस, जिन्होंने सोमवार को संदेशखली का दौरा किया, ने कहा कि वह “स्थिति से स्पष्ट रूप से स्तब्ध हैं”। उन्होनें कहा, “मैंने जो देखा वह भयानक, चौंकाने वाला और मेरे होश उड़ा देने वाला था। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि में ऐसा हो सकता है।”
वहीं संदेशखाली हिंसा पर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा, “राज्यपाल अपना काम कर रहे हैं और हम लोग विरोधी और जनप्रतिनिधि होने के नाते अपना काम कर रहे हैं। हमें संदेशखाली जाना है और देखना है। मुख्यमंत्री और ये सरकार मना क्यों कर रही है? क्या कुछ छिपाने की बात है?”
विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जिम्मेदार लोगों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है।
बनर्जी ने कहा, “कोई भी संदेशखाली जा सकता है। हमें इससे कोई समस्या नहीं है। हमने पहले ही राज्य महिला आयोग की टीम को वहां भेज दिया है। उन्होंने लौटकर एक रिपोर्ट सौंपी है। जिन लोगों ने हिंसा भड़काई है उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।”
तृणमूल कांग्रेस ने यह भी घोषणा की है कि वरिष्ठ नेता पार्थ भौमिक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल स्थिति का आकलन करने के लिए संदेशखाली का दौरा करेगा।
संदेशखाली उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उप-मंडल के अंतर्गत आता है। बशीरहाट की सांसद नुसरत जहां ने कहा, “इस महत्वपूर्ण समय में, आइए दूसरों को भड़काने से बचें और इसके बजाय प्रशासन का समर्थन करने के लिए एकजुट हों। राज्य सरकार स्थानीय लोगों की अथक सहायता कर रही है, और एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में मैं अधिकारियों के साथ नियमित संचार बनाए रखती हूं। स्थिति का राजनीतिकरण करने से बचना महत्वपूर्ण है। मेरी भूमिका आग को बुझाने की है, भड़काने की नहीं। आइए प्रशासन के साथ सहयोग करें और उन्हें अपना कर्तव्य निभाने दें।”