दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को भी ED के सामने पेश नहीं हुए। शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय चौथी बार समन भेजा था। आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के संबंध में पूछताछ के लिए आज जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।
अरविंद केजरीवाल ने समन का जवाब देते हुए कहा है कि वह एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे। उनकी पार्टी ने कहा है कि एजेंसी की योजना अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की है ताकि वह लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार नहीं कर सकें।
केजरीवाल ने कहा, “ED ने मुझे चौथा नोटिस भेजा है। यह सभी नोटिस अवैध और अमान्य हैं। यह नोटिस एक राजनैतिक षड्यंत्र के तहत भेजे जा रहे हैं। यह जांच 2 साल से चल रही है। 2 साल में इन्हें कुछ नहीं मिला। लोकसभा चुनाव के 2 महीने पहले अचानक मुझे नोटिस भेजकर क्यों बुलाया जाता है? भाजपा ED को चला रही है। इनका मकसद है कि यह सब करके केजरीवाल को चुनाव प्रचार करने से रोको।”
चौथे ईडी समन के बारे में पूछे जाने पर अरविंद केजरीवाल ने पहले संवाददाताओं से कहा था कि वह “कानून के अनुसार जो भी करने की जरूरत होगी वह करेंगे।”
आम आदमी पार्टी ने कहा, “ईडी ने कहा है कि केजरीवाल आरोपी नहीं हैं, फिर उन्हें क्यों बुलाया जा रहा है? भ्रष्ट नेता बीजेपी में जाते हैं, उनके मामले बंद हो जाते हैं। हमने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है, हमारा कोई भी नेता बीजेपी में नहीं जाएगा।”
अरविंद केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ गोवा के तीन दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले उनकी यात्रा की रणनीतिक योजना बनाई गई है, जहां वह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करेंगे और संभावित रूप से एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री इससे पहले 3 जनवरी को यह कहते हुए पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे कि जांच एजेंसी द्वारा जारी किए गए समन उन्हें गिरफ्तार करने के एकमात्र इरादे से “अवैध” और “राजनीति से प्रेरित” थे।
उन्होनें कहा था, “मैं हर कानूनी सम्मन स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। हालाँकि, ईडी का यह समन भी पिछले समन की तरह अवैध और राजनीति से प्रेरित है। समन वापस लिया जाना चाहिए। मैंने अपना जीवन ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ बिताया है।’
अरविंद केजरीवाल ने कहा था, मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
उन्होंने दो पूर्व अवसरों, 2 नवंबर और 21 दिसंबर को जांच एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था। एजेंसी के सामने पेश होने के बजाय उन्होंने 10-दिवसीय विपश्यना ध्यान शिविर में भाग लेने का विकल्प चुना था।
शराब नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग की चल रही जांच के तहत पिछले साल अक्टूबर में अरविंद केजरीवाल को शुरुआती समन जारी किया गया था।