प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दो महीने बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन 9-10 सितंबर को होने वाली जी20 नेताओं की बैठक में भाग लेने के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे। मेगा शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर दोनों नेताओं ने पीएम मोदी के आधिकारिक आवास पर द्विपक्षीय वार्ता की। पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने जून 2023 में पीएम की अमेरिका यात्रा के दौरान हुए समझौतों को लागू करने में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की। द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
Happy to have welcomed @POTUS @JoeBiden to 7, Lok Kalyan Marg. Our meeting was very productive. We were able to discuss numerous topics which will further economic and people-to-people linkages between India and USA. The friendship between our nations will continue to play a… pic.twitter.com/Yg1tz9kGwQ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2023
प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने देशों की साझेदारी के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की रूपरेखा तैयार की, जिसमें प्रौद्योगिकी और रक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवा और नवीकरणीय ऊर्जा तक विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं।
Joint Statement from India and the United States after Modi-Biden meeting in New Delhi #G20Summit (Thread)
1. Prime Minister Narendra Modi welcomed United States President Joseph R. Biden, Jr., to India today, reaffirming the close and enduring partnership between India and the… pic.twitter.com/3tTcZDBgWk
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) September 8, 2023
संयुक्त बयान में क्या-क्या कहा गया?
– पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने जून 2023 में पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान हुए समझौतों को लागू करने में हुई महत्वपूर्ण प्रगति की सराहना की। राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत की G20 अध्यक्षता की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि नई दिल्ली में G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन सतत विकास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में योगदान देगा।
– नेताओं ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा देने में क्वाड के महत्व की पुष्टि की। भारत 2024 में अगले क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। भारत ने व्यापार कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन पर इंडो-पैसिफिक महासागर पहल का सह-नेतृत्व करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया।
– राष्ट्रपति बाइडेन ने संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में भारत के लिए अपना समर्थन दोहराया और 2028-29 में यूएनएससी की अस्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया।
– दोनों नेताओं ने अपनी साझेदारी को मजबूत करने में प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला और महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर भारत-अमेरिका पहल की सराहना की। सितंबर 2023 में iCET की मध्यावधि समीक्षा की योजना बनाई गई है।
– चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद, राष्ट्रपति बाइडेन ने अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की उपलब्धियों के लिए बधाई दी। दोनों देशों में अंतरिक्ष अन्वेषण और ग्रह रक्षा में संयुक्त प्रयासों के लिए अन्वेषण और चर्चा चल रही है।
– नेताओं ने लचीली वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण के लिए समर्थन व्यक्त किया। भारत में माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी इंक और एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज से कई मिलियन डॉलर के निवेश का स्वागत किया। भारत 6जी एलायंस और नेक्स्ट जी एलायंस के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ दूरसंचार और डिजिटल समावेशन को सुरक्षित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।
– रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास देखा गया। दोनों नेताओं ने स्पेस और AI के विस्तार में सहयोग के माध्यम से भारत-अमेरिका की रक्षा साझेदारी को बढ़ाने और विविधतापूर्ण बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। PM मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने में तकनीकी की निर्णायक भूमिका को लेकर चर्चा की।
– दोनों नेताओं ने भारत में GE F-414 जेट इंजन के निर्माण के लिए GE एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के लिए बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई। साथ ही सहयोगात्मक रूप से काम करने पर जोर दिया।
– भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते तालमेल को रेखांकित करते हुए, पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने परमाणु ऊर्जा की आवश्यकता, जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने, संक्रमण ऊर्जा प्रणालियों और दोनों देशों के लिए सुरक्षित ऊर्जा के लिए सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
– दोनों नेताओं ने साथ ही खुली, सुलभ, सुरक्षित और लचीली टेक्नोलॉजी का ईकोसिस्टम और श्रृंखला बनाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी पर चल रहे प्रयासों की सराहना की।
– दोनों देशों के बीच सहयोग विशेष रूप से अगली पीढ़ी के छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर प्रौद्योगिकियों के विकास पर केंद्रित है। अमेरिका ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत को शामिल करने के लिए समर्थन व्यक्त किया और भारत की स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए इस परिप्रेक्ष्य को साझा करने वाले भागीदारों के साथ निरंतर प्रयास करने का वादा किया।
– अमेरिका अगले 5 साल में 400 मिलियन US डॉलर भारत में निवेश करेगा। साथ ही परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइजिंग करने के महत्व को दोहराते हुए बाइडेन ने भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता का विस्तार करने का स्वागत किया। इसमें सार्वजनिक और निजी दोनों फंडों के माध्यम से फंडेड पेमेंट सिक्योरिटी सिस्टम के लिए संयुक्त समर्थन भी शामिल हैं।
– नवीकरणीय ऊर्जा पर नज़र रखते हुए, दोनों देशों ने अगस्त 2023 में भारत-अमेरिका नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी एक्शन प्लेटफ़ॉर्म (RE-TAP) की शुरुआत की। संयुक्त बयान में कहा गया है, “इस मंच का लक्ष्य लैब-टू-लैब सहयोग और पायलट नवीन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना, नवीकरणीय ऊर्जा में नीति और योजना प्रगति को बढ़ावा देना और प्रौद्योगिकियों का समर्थन करना है।”
– उनकी चर्चा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा परिवहन क्षेत्र के डीकार्बोनाइजेशन पर केंद्रित था। भारत में इलेक्ट्रिक गतिशीलता का विस्तार करने के प्रयास चल रहे हैं, जिसमें 10,000 भारत-निर्मित इलेक्ट्रिक बसों की खरीद भी शामिल है।
– भारत में ग्रीनफील्ड नवीकरणीय ऊर्जा, बैटरी भंडारण और उभरती हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए, दोनों देश पूंजीगत लागत को कम करने के उद्देश्य से निवेश प्लेटफार्मों के निर्माण को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने महत्वपूर्ण वित्तीय प्रतिबद्धताओं के माध्यम से इस क्षेत्र में परियोजनाओं की तैनाती को बढ़ाने के लिए एक पाठ्यक्रम तैयार किया है, जो प्रत्येक 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक योगदान करने के इरादे के आदान-प्रदान पत्रों में परिलक्षित होता है, जिससे एक नवीकरणीय बुनियादी ढांचा निवेश कोष स्थापित किया जा सके।
– दोनों नेताओं ने मल्टी-इंस्टीट्यूशनल सहयोगात्मक शिक्षा साझेदारियों की बढ़ती संख्या का स्वागत किया। इसमें न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी-टंडन और आईआईटी कानपुर एडवांस्ड रिसर्च सेंटर और बफ़ेलो में स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ न्यूयॉर्क के जॉइंट रिसर्च सेंटर और आईआईटी दिल्ली, कानपुर, जोधपुर और बीएचयू के बीच महत्वपूर्ण और उभरती टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में साझेदारी पर सहमति जताई।
– नेताओं ने रक्षा क्षेत्र में अभिनव सहयोग के लिए भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (INDUS-X) की सराहना की।।