भारत के 29 में से उन पांच राज्यों- राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नई विधानसभा के चुनाव इसी साल निर्धारित हैं, जहां पिछले चुनाव 2018 मे हुए थे। इन्हें 18 वीं लोकसभा के मई 2024 से पहले आम चुनाव के लिए सेमी-फायनल मुकाबला माना जा रहा है। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव हो सकते हैं,जहां केंद्र की नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस(एनडीए) की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नरेंद्र मोदी सरकार ने विधानसभा का अस्तित्व खत्म कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया।लेकिन इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से वहाँ विधानसभा के गठन के लिए चुनाव होने की आशा है। मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने तैयार है।
ये चुनाव जीतने मोदी जी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच जोर-आजमाइश बढ़ती जा रही है। इन राज्यों में से किसी में भाजपा का पिछली बार प्रत्यक्ष गठबंधन नहीं था। अबकी बार मोदी जी और राहुल गांधी की पारस्परिक आक्रामकता के कुछेक नए आयाम खुलें तो शायद ही अचरज हो।
इंडिया टुडे-सी वोटर सर्वे के अनुसार 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 287 सीटें मिल सकती हैं जो 2019 से 16 कम होंगी। एनडीए को 2019 की 353 सीटों के मुकाबले 306 सीटें मिलने का ही अनुमान है जो पिछली बार जीती सीटों से 47 कम हैं।इंडिया गठबंधन बनने पर बाद विपक्ष की सीटों में वृद्धि का अनुमान है। इस गठबंधन के दलों को 193 सीटें मिल सकती हैं। वोट फीसद के हिसाब से एनडीए के 43 प्रतिशत की तुलना में इंडिया गठबंधन का वोट 41 फीसद है। इंडिया गठबंधन का वोट बिखरा हुआ है। भाजपा का वोट हिंदी पट्टी में 50 करीब फीसद है और इस क्षेत्र में सीटों की संख्या भी ज्यादा है जिसका लाभ उसे मिलता है।कर्नाटक अपवाद है। एनडीए के अनुमानित 43 प्रतिशत वोट में भाजपा की 38 फीसद और सहयोगी दलों की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत है। इंडिया गठबंधन के अनुमानित 41 प्रतिशत वोट में कांग्रेस की 20 प्रतिशत और उसके सहयोगी दलों की हिस्सेदारी 21 फीसद है। निष्कर्ष यह है कि भाजपा की सीटों में 16 के बजाय 50 की कमी हो जाए तो आगे मिलीजुली सरकार बन सकती है।फिर भाजपा अकेले बहुमत प्राप्त करने से वंचित हो सकती है।
कुछ ऐसे क्षेत्रीय दल हैं जो भाजपा का समर्थन कर सकते हैं। इनमें ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का बीजू जनता दल, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगमोहन रेड्डी की वायएसआर कांग्रेस और तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की पुराने नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से परिणत भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) प्रमुख हैं।
हम हाल में तेलंगाना से लौट कर वहां के आगामी चुनाव की हिंदी न्यूज पोर्टल जनचौक पर विस्तार से चर्चा कर चुके हैं और निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद फिर उसकी चर्चा करेंगे। लेकिन उसके पहले बारी बारी से मिजोरम ,मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ राजस्थान और जम्मू – कश्मीर के भी चुनाव का जायजा लेंगे।