सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीरी अलगाववादी यासीन मलिक के अदालत में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा में गंभीर चूक हुई। उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा कि यासीन मलिक को लाने वाले जेल अधिकारियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा से समझौता किया गया।
मेहता ने लिखा, “यह मेरा दृढ़ विचार है कि यह एक गंभीर सुरक्षा चूक है। यासीन मलिक जैसा आतंकवादी और अलगाववादी पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति, जो न केवल आतंकी फंडिंग मामले में दोषी है, बल्कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध जानता है, भाग सकता था, जबरन ले जाया जा सकता था या मारा जा सकता था।”
#BREAKING Solicitor General Tushar Mehta writes to Home Secretary Ajay Bhalla stating that Yasin Malik's presence in #SupremeCourtOfIndia today was a matter of grave security lapse since he could have escaped or could have been killed #YasinMalik pic.twitter.com/4p8r6kIXoq
— Bar & Bench (@barandbench) July 21, 2023
इससे पहले कोर्ट ने भी यासीन मलिक की पेशी पर भी नाराजगी जताई थी। सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा, ”जस्टिस दत्ता इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते।”
तुषार मेहता ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 268 के तहत यासीन मलिक के संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा एक आदेश पारित किया गया है जो जेल अधिकारियों को उक्त दोषी को जेल परिसर से बाहर लाने से रोकता है।
तुषार मेहता के मुताबिक, न तो सुप्रीम कोर्ट ने मलिक को समन किया था और न ही इस कदम के लिए कोर्ट से कोई इजाजत ली गई थी। मेहता ने अपने पत्र में मलिक की सुरक्षा के प्रभारी अधिकारी से उन्हें शारीरिक रूप से सुप्रीम कोर्ट में लाने के कारणों के बारे में सवाल किया।
जवाब में अधिकारी ने उन्हें एक नोटिस दिखाया जो मामले में शामिल सभी पक्षों को उनकी सुनवाई से पहले भेजा गया था। मेहता ने अपने पत्र में कहा कि जेल अधिकारियों को रोजाना ऐसे सैकड़ों नोटिस मिलते हैं लेकिन उन्होंने पहले कभी इसका यह मतलब नहीं निकाला कि आरोपी की व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक है।
बाद में शुक्रवार देर रात जेल अधिकारी ने एक बयान जारी कर कहा, “यासीन मलिक को दिल्ली की तिहाड़ सेंट्रल जेल नंबर 2 के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में सशरीर पेश किया। प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि यह संबंधित जेल अधिकारियों की ओर से एक चूक थी। डीजी (जेल) ने मामले की विस्तृत जांच कराने का आदेश दिया है और 3 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।”
Today, Yasin Malik was produced physically in the Supreme Court by the officials of Delhi's Tihar Central Jail no. 7 and prima facie it was observed that it was a lapse on the part of concerned Jail officials. DG (Prisons) has ordered a detailed inquiry into the matter to be…
— ANI (@ANI) July 21, 2023
मालूम हो कि यासीन मलिक उस समय शीर्ष अदालत में पेश हुआ जब न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण के मामले में जम्मू की एक निचली अदालत के 20 सितंबर, 2022 के आदेश के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। मलिक फिलहाल टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।