मणिपुर की स्थिति को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर में स्थिति अनिश्चित और बेहद परेशान करने वाली है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर सीमावर्ती राज्य की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने केंद्र से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को राज्य का दौरा करने की अनुमति देने के लिए भी कहा है।
खड़गे ने पीएम मोदी पर चुप रहने, बैठक की अध्यक्षता नहीं करने और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कहा, “आपके मन की बात में पहले मणिपुर की बात शामिल होनी चाहिए थी। सीमावर्ती राज्य की स्थिति अनिश्चित और बेहद परेशान करने वाली है।”
.@narendramodi ji,
Your ‘𝐌𝐚𝐧𝐧 𝐊𝐢 𝐁𝐚𝐚𝐭’ should have first included ‘𝐌𝐚𝐧𝐢𝐩𝐮𝐫 𝐊𝐢 𝐁𝐚𝐚𝐭’, but in vain.
The situation in the border state is precarious and deeply disturbing.
▫️You have not spoken a word.
▫️You have not chaired a single meeting.
▫️You have…— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 18, 2023
कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “ऐसा लगता है कि आपकी सरकार मणिपुर को भारत का हिस्सा नहीं मानती है। यह अस्वीकार्य है।”
मणिपुर में हाल के दिनों में कई जगहों पर हिंसक घटनाएं एवं झड़पें देखी गई हैं। पिछले 40 दिनों से अधिक समय से दो समुदायों के बीच संघर्ष के बाद राज्य जातीय हिंसा से जूझ रहा है। जब 3 मई को एक रैली के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी, तो राज्य सरकार ने कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट बंद कर दिया। हिंसा को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई थी। लेकिन उस समय शांति भंग हो गई जब भीड़ ने एक केंद्रीय मंत्री के घर में आग लगा दी। गोलीबारी, सुरक्षा बलों के साथ भीड़ की झड़प और भाजपा नेताओं के घरों को जलाने की कोशिशों की भी खबरें आई हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, “आपकी सरकार सो रही है, जबकि राज्य जल रहा है।” उन्होंने प्रधान मंत्री से राजधर्म का पालन करने और शांति भंग करने वाले सभी तत्वों पर कार्रवाई करने के लिए कहा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “तो मणिपुर पर एक और मन की बात लेकिन मौन। पीएम ने आपदा प्रबंधन में भारत की महान क्षमताओं के लिए खुद की पीठ थपथपाई। पूरी तरह से मानव निर्मित (वास्तव में स्वयंभू) मानवीय आपदा के बारे में क्या है जो कि मणिपुर का सामना कर रहा है।”
So one more Mann ki Baat but Maun on Manipur. The PM patted himself on the back for India's great capabilities in disaster management. What about the entirely man-made (actually self-inflicted) humanitarian disaster that is confronting Manipur. Still no appeal for peace from him.…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 18, 2023
रमेश ने ट्विटर पर कहा, “अभी भी उनकी ओर से शांति की अपील नहीं की गई है। एक गैर-लेखापरीक्षा योग्य पीएम-केयर्स फंड है, लेकिन क्या पीएम को मणिपुर की परवाह भी है, यह असली सवाल है।”
रविवार को रेडियो पर प्रसारित मन की बात में पीएम मोदी ने कहा था कि प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं है, लेकिन आपदा प्रबंधन की जो ताकत भारत ने वर्षों से विकसित की है, वह आज मिसाल बन रही है।
इससे पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली मणिपुर की दस विपक्षी पार्टियों ने शनिवार को पूर्वोत्तर राज्य में जारी हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया था और उनसे मिलने एवं शांति की अपील करने का आग्रह किया था।
मणिपुर में एक महीने पहले भड़की मीतेई और कुकी समुदाय के लोगों के बीच जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। वर्तमान में राज्य पुलिस बलों के अलावा कानून-व्यवस्था के कर्तव्यों के लिए मणिपुर में लगभग 30,000 केंद्रीय सुरक्षाकर्मी तैनात हैं।
इंफाल ईस्ट एसपी शिवकांत ने कहा कि, ‘इंफाल पूर्व के लिए सुरक्षा तैनाती दो परतों में की गई है, एक सिटी टाउन क्षेत्र में और दूसरी तलहटी क्षेत्रों में। सीआरपीएफ को तलहटी क्षेत्रों के लिए तैनात किया गया है और मणिपुर पुलिस को इंफाल जोन के लिए डीआईजी और आईजी की देखरेख में सीआरपीएफ के साथ संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है। हमें लगता है कि लोग भी हिंसा नहीं चाहते हैं और पुलिस भी कई तरह की निरोधात्मक कार्रवाई कर रही है। ‘
#WATCH | Manipur: Security deployment for Imphal East is done in two layers of security, one at the city town area and the other at the foothill areas. CRPF has been deployed for foothill areas and Manipur Police is deployed in sensitive areas with CRPF under the supervision of… pic.twitter.com/oXt8FWTJMx
— ANI (@ANI) June 18, 2023