बिहार के सीएम नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई महागठबंधन की बैठक से पहले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की घोषणा के बाद मीडिया से बात करते हुए संतोष ने कहा कि उनकी पार्टी का अस्तित्व खतरे में था। उन्होंने इसे बचाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने कहा कि मैं अभी भी महागठबंधन में ही रहना चाहता हूं।
#WATCH | "What I am saying is that our existence was under threat. If someone tells me to merge (the party), what other option will I have? What would you have done had you been in my place?," says HAM leader Santosh Kumar Suman after resigning as a minister in the Bihar… pic.twitter.com/GvD7iMB4nm
— ANI (@ANI) June 13, 2023
संतोष मांझी ने कहा कि जदयू चाहती है कि ‘हम’ का उनके साथ विलय कर दें, लेकिन हम इस बात को नहीं मानते। बल्कि हम अकेले लड़ना चाहेंगे। हमें जदयू में विलय पसंद नहीं है। नीतीश कुमार लगातार हमें मर्ज करने के लिए कह रहे थे, लेकिन हमने मना कर दिया। संतोष सुमन ने कहा, हम बीजेपी के साथ जाएंगे या नहीं यह अलग बात है।
#WATCH | "What I am saying is that our existence was under threat. If someone tells me to merge (the party), what other option will I have? What would you have done had you been in my place?," says HAM leader Santosh Kumar Suman after resigning as a minister in the Bihar… pic.twitter.com/GvD7iMB4nm
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उन्होंने कहा, “भाजपा इस्तीफा देने के लिए दबाव क्यों बनाएगी? मैं दबाव में काम नहीं करता, मैं पार्टी के हित में काम करूंगा…अगर हमें (विपक्षी दल की बैठक में) आमंत्रित किया जाता है, तो हम निश्चित रूप से भाग लेंगे।” उन्होंने आगे कहा, ‘महागठबंधन में हम नीतीश कुमार को अपना नेता मानते थे और हम अब भी उन्हें मानते हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से हमारे सामने पार्टी के विलय का प्रस्ताव रखा जा रहा था…यह मेरा एकतरफा फैसला नहीं है। सभी से मिलने और बात करने के बाद यह फैसला किया गया..।”
#WATCH | "Why would BJP put pressure (to tender resignation)? I don't work under pressure, I will work in the interest of the party…If we get invited (to the Opposition party's meeting), we will definitely participate," says HAM leader Santosh Kumar Suman after resigning as a… pic.twitter.com/RfndAzEKub
— ANI (@ANI) June 13, 2023
वहीं इस इस्तीफे पर जदयू कोटे से मंत्री लेशी सिंह ने कहा कि हमारे नेता ने जीतन राम मांझी को सीएम बनाया था। ऐसे लोग आते-जाते रहते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि पद से इस्तीफा देना झटका नहीं है। यह हम पार्टी का फैसला है कि वह कैबिनेट में नहीं रहेंगे। लोग कई तरह की बात करते रहते हैं। 2015 में भी कई बार इधर-उधर हुए थे, फिर लौट कर आए। शक्ति यादव ने बिना नाम लिए पूर्व सीएम के बारे में कहा कि वो उन्हीं लोगों के पास जाना चाहते हैं जिन्होंने उनके मंदिर जाने के बाद उसे धुलवाया था।
हार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी कि, ‘पहले जब जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री थे तब भी उनका अपमान हुआ और अब उनके बेटे के साथ भी यही हो रहा है। नीतीश कुमार दलित विरोधी हैं और महागठबंधन हमेशा दलित का अपमान करते रहे हैं।’
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि, ‘लगातार जीतन राम मांझी और संतोष मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाने का काम किया…चिट्ठी में साफ लिखा है कि निजी कारणों के चलते वे(संतोष मांझी) साथ नहीं चल सकते। चिट्ठी से स्पष्ट है कि वे महागठबंधन का अंग नहीं रहना चाहते।’
वहीं JD(U)अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि, ‘पूरे देश की पार्टियां एक हो रही हैं, 17 पार्टियां यहां आ रही हैं। पूरे देश में विपक्ष एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ेगी।’
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘संतोष मांझी का इस्तीफा दर्शाता है कि महागठबंधन टूट के कगार पर है। लोगों को मालूम है कि अब नीतीश कुमार और उनकी पार्टी का कोई भविष्य नहीं है। मांझी का समझौता जदयू के साथ था न की राजद के साथ, इसलिए वे साथ छोड़कर चले गए।’
राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में अभी महागठबंधन की सरकार में राजद (79), जदयू (45), कांग्रेस(19) शामिल हैं। जबकि वामदलों (16) ने बाहर से समर्थन दिया है। सरकार में शामिल हम (4) के संतोष सुमन ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। ‘हम’ अभी महागठबंधन से बाहर नहीं आई है। ऐसे में नीतीश सरकार के पास हम को मिलाकर 163 सीटें हैं। अगर ‘हम; अलग भी हो जाती है, तब भी सरकार के पास 159 सीटें रहेंगी, जबकि बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक, जीतन राम मांझी सीएम नीतीश कुमार से इसलिए नाराज हैं, क्योंकि नीतीश कुमार ने उन्हें 23 जून को पटना में होने जा रही विपक्षी पार्टियों की बैठक में नहीं बुलाया है। सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने खुले तौर पर स्वीकार किया था कि उन्हें विपक्षी एकता के नाम पर पटना में होने वाली सभा का निमंत्रण नहीं मिला।
जानकारी के मुताबिक 23 जून को पटना में होने वाली बैठक में कांग्रेस, टीएमसी और सपा समेत 15 विपक्षी दल शामिल होंगे।
कौन हैं सुमन मांझी?
सुमन मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे हैं। अपने इस्तीफे से पहले, वह नीतीश कुमार के शासन में राज्य सरकार में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के मंत्री के रूप में कार्यरत थे। उनकी पार्टी ने सत्तारूढ़ जद (यू) और तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन किया था। संतोष कुमार सुमन ने मंगलवार को बिहार के संसदीय कार्य मंत्री और नीतीश कुमार के पार्टी सहयोगी विजय कुमार चौधरी को इस्तीफे की पेशकश की है।