मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना द्वारा महाराष्ट्र के समाचार पत्रों में एक विज्ञापन देने के बाद मुख्यमंत्री की लोकप्रियता के बीच उनके उप देवेंद्र फडणवीस की तुलना पर विवाद छिड़ गया। हालांकि राज्य सरकार ने बाद में बुधवार एक और विज्ञापन जारी किया जिसमें दोनों नेताओं को महाराष्ट्र में विकास के चेहरे के रूप में दिखाया गया है। पहले के विज्ञापन में “भारत के लिए पीएम मोदी, महाराष्ट्र के लिए एकनाथ शिंदे” लिखा गया था। उस पोस्टर में एक सर्वेक्षण का हवाला दिया गया था जिसमें शिंदे को बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस की तुलना में सीएम पद के लिए अधिक पसंद किया गया था।
Will such revealing advertisement with precise percentage of people preference for choice of chief minister of Maharashtra will get published without blessing of top leadership of BJP ? If approval is there, then many major changes likely to happen in BJP….🐎 https://t.co/VF4HQbT5xI
— Sudhir Suryawanshi (@ss_suryawanshi) June 13, 2023
बुधवार को जारी किए गए नए विज्ञापन में एक सर्वेक्षण का हवाला दिया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि महाराष्ट्र में 49% से अधिक लोगों ने एकनाथ-फडणवीस की जोड़ी को वोट दिया।
Cover up: After DCM Devendra Fadnavis miffed over downsizing his popularity against CM Eknath Shinde, Shiv Sena issued 2nd adve to pacify Mr Fadnavis. Interestingly, in this adve popular votes for chief minister of Maharashtra content that annoyed Fadnavis has been dropped now. pic.twitter.com/KXZJUiqzzl
— Sudhir Suryawanshi (@ss_suryawanshi) June 14, 2023
नए विज्ञापन में पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दिवंगत शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे और वरिष्ठ नेता आनंद दीघे की भी तस्वीरें हैं। पिछले विज्ञापन में ठाकरे की तस्वीर नहीं थी, जिसके लेकर उद्धव के खेमे के नेताओं ने तंज कैसा था।
मंगलवार को प्रकाशित विज्ञापन ने कथित तौर पर भाजपा के नेतृत्व और कैडर को परेशान कर दिया था। विवाद को लेकर बीजेपी सूत्रों ने कहा कि पार्टी के नेता दो कारणों से परेशान हैं-
1. पूरे पेज के विज्ञापन को लेकर शिंदे सेना ने उन्हें पूरी तरह अंधेरे में रखा।
2. शिंदे सेना का दावा है कि शिंदे मुख्यमंत्री की दौड़ में फडणवीस से आगे।
भाजपा के सूत्रों ने स्वीकार किया कि विज्ञापन से फडणवीस को केंद्र में बुलाए जाने के बारे में नए सिरे से चर्चा शुरू होगी। महाराष्ट्र के एक भाजपा नेता ने कहा, “राज्य भाजपा में एक वर्ग जो शिंदे के लिए फडणवीस की भूमिका से सहज नहीं है, वह सोचता है कि नेतृत्व को उसे राष्ट्रीय राजनीति में एक प्रमुख भूमिका देनी चाहिए।”
इस मामले को लेकर जहां फडणवीस ने एक कार्यक्रम के लिए कोल्हापुर का दौरा रद्द कर दिया। वहीं शिंदे सेना ने विज्ञापन से दूरी बना ली है। पार्टी नेता और मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा, ‘विज्ञापन से शिवसेना का कोई लेना-देना नहीं है। यह हमारी पार्टी के शुभचिंतक सीएम शिंदे और फडणवीस द्वारा जारी किया गया हो सकता है। कोल्हापुर में फडणवीस, शिंदे के साथ मंगलवार शाम को शामिल होने वाले थे।
कोल्हापुर कार्यक्रम में बोलते हुए, शिंदे ने कहा: “चूंकि राज्य के लोग (हमारी सरकार के तहत) विकास देख सकते हैं, उन्होंने फडणवीस और मेरे लिए प्राथमिकता दिखाई है।”
विज्ञापन को तवज्जो नहीं देते हुए महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि चुनाव परिणाम तय करेंगे कि मतदाता किस पार्टी और नेता को पसंद करेंगे।
राज्य के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने कहा, ‘हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। श्रेय लेने के लिए कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है… सीएम और डिप्टी सीएम भाइयों की तरह काम कर रहे हैं।”
खबर है कि 30 जून को शिंदे-फडणवीस सरकार की पहली वर्षगांठ के पहले बंद दरवाजों के पीछे शिंदे मंत्रियों के खराब प्रदर्शन के संबंध में सरकार में कुछ सुधार पर चर्चा की गई है। बैठक में शिंदे समूह के पांच मंत्रियों – तानाजी सावंत, अब्दुल सत्तार, संदीपन भुमरे, गुलाबराव पाटिल और संजय राठौड़ – के असंतोषजनक प्रदर्शन पर चर्चा हुई।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नए पोस्टर में शिंदे के खेमे के सभी मंत्रियों को भी विज्ञापन में प्रदर्शित किया गया है और राज्य भर में किए गए विकास कार्यों का श्रेय दिया गया है।