नौकरी के बदले जमीन मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम सोमवार सुबह बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची। सीबीआई ने राबड़ी देवी से करीब 4 घंटे तक पूछताछ की। सोमवार सुबह सीबीआई की टीम 3 गाड़ियों में भरकर राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची थी। बिहार के उपमुख्यमंत्री और राबड़ी के बेटे तेजस्वी यादव भी उस समय मौजूद थे जब जांच एजेंसी की टीम उनके आवास पर पहुंची थी। पूछताछ ख़त्म होने के बाद राबड़ी देवी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘ये कुछ नहीं है। शुरुआत से ही ऐसा होता आया है’। अब लालू प्रसाद यादव को भी समन भेजा गया है। उनसे इस घोटाले को लेकर मंगलवार को दिल्ली में पूछताछ की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, सीबीआई अधिकारीयों ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) घोटाला मामले में राबड़ी देवी से पूछताछ की है। यह मामला पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार को 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उपहार में दी गई या बेची गई जमीन के बदले रेलवे में की गई कथित नियुक्तियों से जुड़ा हुआ है।
पटना में पूर्व मुख्यमंत्री के आवास के बाहर भारी सुरक्षा तैनात की गई थी। राबड़ी देवी के आवास पर यादव परिवार के वकील भी मौजूद रहे।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है और विशेष अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों तथा अन्य सहित आरोपियों को 15 मार्च को तलब किया है। उन्होंने कहा कि एजेंसी ने कथित घोटाले के मामले में आगे की जांच जारी रखी है और मामले में आगे की जांच के संबंध में राबड़ी देवी से पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि टीम लालू प्रसाद के परिवार से मामले में कुछ अतिरिक्त दस्तावेज भी मांग सकती है।
27 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले के सिलसिले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य लोगों को तलब किया था। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने 15 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है।
क्या है ‘लैंड फॉर जॉब स्कैम’ मामला?*-
लैंड फॉर जॉब स्कैम घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई का दावा है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी। लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे। 18 मई 2022 को सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था। सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया, तब उन्हें रेगुलर कर दिया गया। सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है। इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था। लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था। ये जमीनें बहुत ही कम दामों में बेच दी गई थीं। सीबीआई के मुताबिक जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। लेकिन, जिन परिवारों ने यादव परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्ति दी गई।
बता दें कि सीबीआई की इस पूछताछ को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने कहा कि, ‘अपने विरोधियों को भयभीत किया जा रहा है। यह तानाशाही है। जिस तरह से तालिबान और अल कायदाअपने दुश्मन को खत्म करने के लिए हथियार उठाते हैं। वैसे ही इनके(BJP) जैसे लोग ED-CBI जैसे हथियार का इस्तेमाल अपने विरोधियों के खिलाफ कर रहे हैं।’ तो वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह गलत है। यह ठीक नहीं है। जिस तरह से यह ट्रेंड बनता जा रहा है कि जहां विपक्ष की सरकारें हैं वहां काम नहीं करने दिया जाएगा। जनतंत्र तो तभी आगे चलेगा जब सभी मिलकर काम करेंगे। जिसकी जहां सरकार है उसे वहां काम करने दिया जाना चाहिए’।