CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट के पांच न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश की है। ये सभी जज वर्तमान में देश की अलग-अलग हाईकोर्ट में सेवाएं दे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्त किए जाने के लिए जिन पांच न्यायाधीशों की सिफारिश की गई है उनमें जस्टिस पंकज मिथल (राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), जस्टिस संजय करोल (पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), जस्टिस पीवी संजय कुमार (मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश), जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह (पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश) और जस्टिस मनोज मिश्रा (इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश) शामिल हैं। इन सिफारिशों पर केंद्र का फैसला अंतिम होता है।
SC Collegium recommends elevation of 5 HC judges to SC-Justice Pankaj Mithal,Chief Justice,Rajasthan HC;Justice Sanjay Karol,Chief Justice,Patna HC;Justice PV Sanjay Kumar,Chief Justice,Manipur HC;Justice Ahsanuddin Amanullah,Judge,Patna HC;Justice Manoj Misra,Judge, Allahabad HC
— ANI (@ANI) December 13, 2022
सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल 28 जज हैं। अगर केंद्र सरकार इन सिफारिशों को मंजूरी दे देती है, तो सुप्रीम कोर्ट की कार्य संख्या बढ़कर 33 हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में CJI समेत जजों के 34 स्वीकृत पद हैं और आगामी चार जनवरी को जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर की रिटायरमेंट के साथ यह संख्या घटकर 27 हो जाएगी। वर्तमान में 28 न्यायाधीशों में से नौ न्यायाधीश 2023 में रिटायर होने वाले हैं।
CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में रिक्तियों को भरने पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को बैठक की। सूत्रों ने बताया कि कॉलेजियम में आमतौर पर प्रधान न्यायाधीश और चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं, लेकिन इसमें अब बदलाव आया है और अब इसमें जस्टिस संजीव खन्ना को जगह मिलने के साथ छह सदस्य हैं। सुप्रीम कोर्ट परिसर में करीब दो घंटे तक चली कॉलेजियम की बैठक में कई नामों पर विचार-विमर्श किया गया।
कॉलेजियम ने तीन हाईकोर्ट के जजों को चीफ जस्टिस बनाने की भी सिफारिश की है। इनमें उत्तराखंड हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार मिश्रा को झारखंड हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस, गौहाटी हाईकोर्ट के जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह को जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस और केरल हाईकोर्ट के जस्टिस के विनोद चंद्रन को गौहाटी हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाकर भेजने की सिफारिशें शामिल है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट और केंद्र के बीच कॉलेजियम की सिफारिशों को लागू करने को लेकर विवाद है। बीते दिनों केंद्र सरकार ने कॉलेजियम द्वारा प्रमोशन के लिए भेजे गए 19 जजों के नामों को खारिज कर दिया गया था। कॉलेजियम ने बीते दिनों कुछ नामों को दोहराते हुए सरकार के पास दोबारा भेजा था लेकिन उसे भी सरकार ने खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम और केंद्र सरकार के बीच टकराव की स्थिति पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। जस्टिस किशन कौल ने कहा था कि उचित समय के भीतर एक निर्णय लिया जाना चाहिए। एक बार एक नाम दोहराए जाने के बाद सरकार को नियुक्त करना होगा। आप दो बार, तीन बार नाम वापस भेज रहे हैं इसका मतलब है कि आप कॉलेजियम को नहीं मान रहे रहे हैं। जब तक कॉलेजियम सिस्टम है, आपको इसे लागू करना होगा। यदि आप एक नया कानून लाना चाहते हैं तो आप ला सकते हैं, लेकिन जब तक वर्तमान कानून मौजूद है, आपको इसका पालन करना ही होगा।