कल राज्यसभा में इंश्योरेंस एक्ट, 1938 को लेकर जो अमेंडमेंड बिल लाया गया था, उसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने आज सदन में जमकर हंगामा किया उसके बाद वॉक ऑउट कर दिया। विपक्ष की सभी पार्टियों का ये संयुक्त वॉक आउट रहा।कांग्रेस नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे ने कहा हम आपके सामने है आपके सामने हैं, लीडर ऑफ अपोजिशन मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा इंश्योरेंस अमेंडमेंट बिल को हम लड़ रहे है,सदन में सभी विपक्षियों पार्टियों का मकसद एक ही था – जो इंशोरेंस बिल लाया गया है, उसमें बहुत सी खामियां हैं। तो इसीलिए हम ये चाहते है इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजना चाहिए, क्योंकि बिल में, जो बदलाव किए किये गए है उसके बारे में जनता को गुमराह किया जा रहा है, फाइनेंस मिनिस्टर बीजेपी सरकार के स्पोक्सपर्सन भी हैं, वो बाहर अलग ढंग से प्रचार करते हैं। और हाउस के अंदर भी गुमराह करने की बात फाइनेंस मिनिस्टर ने की। जनता को ये जानना जरूरी है ये जो 49%से बढ़कर 74% किया गया है इसके पीछे भी सरकार की मंशा प्राइवेट हाथों में देने की है।
यानि यहाँ की कंपनियों को जो भी पैसा मिलेगा, एफडीआई FDI के जरिये इन्वेस्टमेंट होगा उस पर धीरे-धीरे विदेशी कंपनी को ओनरशिप देने की तैयारी और उसको कंट्रोल करने का भी प्रावधान दिया है। तो हम ये चाहते हैं कि ये जो कंट्रोल करेंगे और फॉर्नर अपना पैसा लगाने की कोशिश करके,
जो ये करेंगे, जैसा ईस्ट इंडिया कंपनी यहाँ पर इनवेस्ट करके पूरे देश पर उन्होंने अपनी हुकुमत चलाई और डेढ़ सौ साल, कम से कम 150 साल उन्होंने हुकुमत की। वैसे ही वेस्ट ईस्ट इंडिया कंपनी के भी थोड़े हैं इधर, वो भी प्राइवेटाइजेशन पर बहुत विश्वास रखने वाले हैं। उनको मदद करने के लिए मोदी साहब हमेशा ऐसा कानून लाते हैं और ये जो है, इंश्योंरेंस एक ही उसमें फॉरेन डॉयरेक्ट इनवेस्टमेंट के नाम पर डायवेस्टमेंट कर रहे हैं। सिर्फ एक सेक्टर में नहीं, वो रेल में आ रहा है, रोड में आ रहा है, उसके बाद होटल में आ रहा है, बैंक में आ रहा है, हर चीज में आ रहा है और हर चीज में जो रिजर्वेशन मिलता था, उस रिजर्वेशन को भी खत्म करने की एक चाल है। खास करके ओबीसी को, एससी, एसटी को, जो एशोरड जॉब मिलते हैं, उन जॉब को खत्म करने का एक तरीका है।
फाइनेंस मिनिस्टर ने प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर की कंपनी के आधिकारिक आंकड़ो को लेकर झूठ हैं और उन्होंने ये बताया कि कितनी नौकरियां प्राइवेट सेक्टर में हैं और कितनी नौकरियां पब्लिक सेक्टर में हैं। मेरे पास उसके आंकड़े भी हैं, जो उन्होंने कहा और लोगों को गुमराह किया कि पब्लिक सेक्टर में 1 लाख 75 हजार और प्राइवेट सेक्टर में 2 लाख 67 हजार। टोटल नंबर ऑफ, जो एजेंट रहते हैं, वो पब्लिक सेक्टर में 15 लाख 45 हजार और प्राइवेट सेक्टर में 21 लाख और कंपनियां कितनी हैं – पब्लिक सेक्टर में सिर्फ 6 कंपनियां हैं, 1 लाख 65 हजार वहाँ पर जॉब मिलती हैं और प्राइवेट में 50 हैं, वहाँ पर सिर्फ 2 लाख 67 हजार मिलती हैं।
मेरा कहने का उद्देश्य है कि उन्होंने सिर्फ आंकड़े बताए। लेकिन इसमें जो 60-70% पोपुलेशन के लिए संविधान में जो प्रावधान करके उनकी जॉब की एशोरेंस की थी, उसका इसमें कोई जिक्र नहीं है और वो डिवाइड करना चाहते हैं, लोगों को गुमराह करना चाहते हैं।