राहुल गांधी ने आज असम में एक रैली को संबोधित किया रैली में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था। असम में 27 मार्च को पहली वोटिंग है तीन चरणों मे होने वाले चुनाव के पहले राहुल की ये रैली काफी महत्वपूर्ण थी, इस दौरे में राहुल गांधी ने चाय बागान के कर्मचारियों और छात्रों से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि छात्रों ने उनसे पूछा देश में रोजगार क्यों नहीं है, मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूँ प्रधानमंत्री मोदी से पूछना चाहता हूं कि देश में विकास की दर क्यों कम हो गई है, किसी भी प्रदेश में चले जाये हिंदुस्तान अपने युवाओं के लिए रोजगार नहीं पैदा कर पा रहा है, ये सच्चाई है। ये असम की सच्चाई है, ये हिंदुस्तान की भी सच्चाई है।
प्रधानमंत्री ने बड़े-बड़े भाषण दिए हैं, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, अलग-अलग नारे दिए हैं, मगर रोजगार हिंदुस्तान में आजकल नहीं है, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है।
आपको याद होगा, 8 बजे रात को बिना किसी से पूछे देश के प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की, याद है आपको? भूल गए? भूल गए? (जनता ने कहा- नहीं) हिंदुस्तान का कोई व्यक्ति नहीं भूल सकता। कोई भी गरीब व्यक्ति नहीं भूल सकता कि पूरे देश को प्रधानमंत्री ने 8 बजे रात को बोला कि 500 रुपए का, 1,000 रुपए का नोट मैं रद्द कर रहा हूँ। सारे के सारे छोटे- मिडिल साइज बिजनेसज नष्ट हो गए, खत्म हो गए। उस एक कदम से नरेन्द्र मोदी जी ने लाखों लोगों को बेरोजगार किया। देश को चोट मारी, आपसे झूठ बोला कि कालेधन के खिलाफ लड़ाई है। स्टेज से झूठ बोला। क्या काला धन मिट गया? खत्म हो गया कालाधन? नहीं। नोटबंदी के पीछे लक्ष्य था, गरीबों की जेब से पैसा निकालकर हिंदुस्तान के सबसे अमीर 2-3 लोगों की जेब मे डालना।
उसके बाद, जीएसटी। जिसको मैंने गब्बर सिंह टैक्स कहा है। गब्बर सिंह टैक्स, पांच अलग-अलग टैक्स, 28 प्रतिशत टैक्स। किसके ऊपर टैक्स?- हिंदुस्तान की गरीब जनता पर, किसानों पर, मजदूरों पर, छोटे दुकानदारों पर, स्मॉल- मीडिय़म बिजनेस वालों पर। जो नोटबंदी से बच गए, वो जीएसटी में डूब गए और आज हालत ये है कि देश युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रहा है, ये सच्चाई है हिंदुस्तान की। न कोई नई फैक्ट्री खुलती है, न किसी युवा को रोजगार मिलता है। प्रधानमंत्री भाषण देते जाते हैं, कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि उन्होंने हिंदुस्तान की जो रीढ़ की हड्डी थी, रोजगार देने वाली, जो रीढ़ की हड्डी थी, उसको तोड़ दिया। किसके लिए तोड़ा? हिंदुस्तान के 4-5 सबसे बड़े उद्योगपतियों के लिए!
अब नए कानून लाए हैं, कृषि के तीन कानून। पहले कानून का लक्ष्य है – मंडियों को बंद करो। दूसरे कानून का लक्ष्य- जमाखोरी चालू करो। तीसरे कानून का लक्ष्य- अगर कोई किसान सही दाम के लिए कोर्ट में जाना चाहे, तो उसको कोर्ट मे जाने से मनाही है, इसीलिए लाखों किसान दिल्ली के बाहर बैठे हुए हैं। नरेन्द्र मोदी जी क्या कहते हैं, नरेन्द्र मोदी जी और उनकी पार्टी के लोग कहते हैं कि ये लोग आतंकवादी हैं। हिंदुस्तान के किसान को वो आतंकवादी कहते हैं। किसान क्या कह रहा है- किसान सिर्फ ये कह रहा है कि जो हमारा है, आप हमसे नहीं छीन सकते हो, हम आपको छीनने नहीं देंगे। हिंदुस्तान की पूरी कृषि के बिजनेस को वो 2-3 उद्योगपतियों के हवाले करना चाहते हैं, ये हालत है देश की।
यहाँ आए, असम आते हैं, आपसे वायदे कर जाते हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने वायदा किया था कि टी गार्डन के वर्कर्स को वो उनका वेज बढ़ाकर देंगे। आजकल आपको कितना पैसा मिलता है? कितना मिलता है पैसा? कितना? (जनता ने कहा-167 रुपए) 167- सही! बीजेपी के लोगों ने आपसे क्या वायदा किया था? (जनता ने कहा- 351 रुपए) कितना- 351, अच्छा, यहाँ पर कोई एक व्यक्ति है, जिसको 351 रुपए मिल रहा हो, एक भी नहीं मिलेगा आपको।
मैं यहाँ आपका टाइम जाया करने नहीं आया हूं। मैं आपसे दो-तीन चीजें कहने आया हूं। मैं नरेन्द्र मोदी जैसा नहीं हूं। मुझे झूठ बोलने की आदत नहीं है। मैं आपको सिर्फ ये बता रहा हूं और टी गार्डन के जो हमारे वर्कर हैं, उनसे कह रहा हूं, इसको आप अच्छी तरह सुनिए – कांग्रेस पार्टी की यहाँ सरकार आएगी, तो 6 घंटे के अंदर आपका 351 नहीं, आपका 365 रुपए दैनिक हो जाएगा। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, कौन क्या कहे, दुनिया के इकॉनोमिस्ट कह दें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं आपको बता रहा हूं कि 365 रुपए गारंटी देकर आपको आ रहा है। सीधी बात।
हमने मनरेगा दिया। बीजेपी के लोगों ने कहा पैसा जाया हो रहा है। हमने भोजन का अधिकार दिया, बीजेपी के लोगों ने कहा – पैसा जाया हो रहा है। हमने किसानों का 70 हजार करोड़ रुपए कर्जा माफ किया, बीजेपी के लोग कहते थे, पैसा जाया हो रहा है। जब भी हम गरीबों की मदद करते हैं, कमजोर लोगों की मदद करते हैं, बीजेपी के लोग कहते हैं, पैसा जाया हो रहा है और जब गुवाहाटी के एयरपोर्ट को वो अपने मित्र को बेच देते हैं, तो फिर वो कहते हैं, पैसे का सही इस्तेमाल हो रहा है। मतलब उनके दिमाग में पैसा सिर्फ अमीरों के हाथ में होना चाहिए। पैसा गरीबों के हाथ में नहीं जाना चाहिए।
इस चुनाव में हमने आपको 5 गारंटी दी हैं। पहली गारंटी मैंने आपको सुना दी – 351 नहीं, 365, ये पहली गारंटी है। दूसरी गारंटी ये है कि ये बीजेपी वाले कितना भी नाच-गाना कर लें, सीएए यहाँ नहीं आएगा। इसको हमने पूरे देश में रोक रखा है। दूसरी गारंटी है कि ये यहाँ नहीं आएगा, चाहे ये कुछ भी कर लें। तीसरी गारंटी- 200 यूनिट बिजली के हर परिवार को फ्री में। चौथी गारंटी – 2,000 रुपए महीने के हर हाउस वाइफ को गारंटी करके। पांचवी और सबसे जरुरी गारंटी कि एक बार फिर असम में हम युवाओं को रोजगार देने का काम शुरु करेंगे। मैं आपको समझा देता हूं कैसे – सबसे पहले बहुत सारे, सरकार में बहुत सारी पोजिशन वेकेंट पड़ी हुई हैं। हमारा पहला काम सरकार में इन पोजिशंस को भरने का होगा। दूसरा काम, हमारी यूपीए की सरकार थी, तो हमने पूरे नॉर्थ ईस्ट को इंसेंटिव दिए थे, स्पेशल प्लान था। चाय की इंडस्ट्री के लिए स्पेशल इंसेंटिव थे। बाकी इंडस्ट्री के लिए, बिजनेस के लिए हम इंसेंटिव देते थे, टैक्स कम करवाते थे, मदद करते थे। क्यों ? क्योंकि हम चाहते थे कि युवा नए बिनजेस चालू करे।