पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों द्वारा महिलाओं के कथित यौन उत्पीड़न मामले में गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है। इसमें उन्होंने विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने का आह्वान किया है। राज्यपाल ने इस मामले की न्यायिक जांच का भी सुझाव दिया। बोस ने कहा, “आपराधिक तत्वों की कथित सांठगांठ की जांच करने और किए गए अपराधों की गहराई और सीमा निर्धारित करने और सभी दोषियों को कानून के सामने लाने के लिए एक एसआईटी का गठन करें।”
बोस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी रिपोर्ट में कहा, मैंने पीड़ितों से बातचीत की और संदेशखाली का दौरा करके मामले का जायजा लिया है। मेरी राय में वहां की स्थिति बेहद निंदनीय है।
राज्यपाल ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि पुलिस उपद्रवियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बजाय स्थानीय लोगों को उनके साथ समझौता करने की सलाह दे रही है। रिपोर्ट में कहा कि पीड़ितों यह भावना व्यापत है कि पुलिस उपद्रवियों के साथ मिली हुई है।
राज्यपाल की यह टिप्पणी उनके द्वारा संकटग्रस्त संदेशखाली ब्लॉक का दौरा करने और प्रदर्शनकारी महिलाओं से मुलाकात करने के कुछ दिनों बाद आई है। बोस ने उनकी कलाई पर राखी बांधने वाली “प्रताड़ित” महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इससे पहले बुधवार को राज्यपाल ने आरोपी और उसके सहयोगियों की तत्काल गिरफ्तारी का आह्वान किया और आपराधिक गतिविधियों से प्रभावित महिलाओं के लिए मुआवजे का आग्रह किया। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “गलती करने वाले अधिकारियों, विशेषकर पुलिस के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। जनता का विश्वास हासिल करने के उपाय के रूप में कदाचार में शामिल सभी अधिकारियों को स्थानांतरित करके अधिकार क्षेत्र में पुलिस स्टेशनों को साफ करने के विकल्प पर विचार करें।”
इस बीच महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन गुरुवार को आठवें दिन में प्रवेश कर गया।
इस मामले की जांच के लिए बीजेपी ने भी एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृजलाल को शामिल किया गया है। कमेटी के ये सदस्य घटनास्थल पर जाकर जानकारी इकट्ठा करेंगे और उसके बाद कमेटी अपनी रिपोर्ट बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेगी। बीजेपी की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए यौन उत्पीड़न और हिंसा की घटना ह्रदय विदारक बताया। उन्होंने कहा कि लगातार महिला उत्पीड़न और गुंडागर्दी की घटना हो रही है और प्रशासन मूकदर्शक बनकर देख रहा है। पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था का बुरा हाल है।
बुधवार को उत्तर 24 परगना जिले के एक अन्य हिस्से में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई कार्यकर्ता और समर्थक पुलिस कर्मियों के साथ भिड़ गए। बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ताकी इलाके में एक विरोध कार्यक्रम के दौरान घायल हो गए। एक अज्ञात महिला द्वारा “धक्का” दिए जाने के बाद कार के बोनट पर गिरने से मजूमदार को मामूली चोटें आईं।
घटनास्थल पर मौजूद भाजपा नेताओं ने कहा कि मजूमदार पुलिस कर्मियों के साथ हंगामे की स्थिति के दौरान घायल हो गए, जो मजूमदार को वाहन से नीचे लाने और उनके भाषण को रोकने का प्रयास कर रहे थे। संदेशखाली ताकी से लगभग 35 किलोमीटर दूर है।
मजूमदार को शुरू में बशीरहाट सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका प्रारंभिक उपचार किया गया। बाद में उन्हें आगे के इलाज के लिए एम्बुलेंस से कोलकाता के अपोलो अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “सुकांत मजूमदार के ऊपर जिस प्रकार से पश्चिम बंगाल की पुलिस ने धक्का-मुक्की की गई। यह जान बूझकर किया गया। इस बर्ताव की ज़िम्मेदार ममता बनर्जी हैं। उन्हें अभी ICU में रखा गया है।”
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी अपोलो अस्पताल में सुकांत मजूमदार से मुलाकात की।
इससे पहले दिन में बड़ी संख्या में महिलाएं टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उनके कथित ‘गिरोह’ की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आईं। एक महिला ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा, “देर रात आकर धमकी दी जाती थी। मैंने विरोध किया तो मेरे घर पर आकर तोड़-फोड़ की गई। FIR वापस लेने की धमकी दी गई। शिबू हाजरा और उसके सहयोगी ऐसा करते थे।”
शाहजहां और उसके सहयोगियों के खिलाफ आरोपों में जबरन जमीन पर कब्जा करना और महिलाओं का यौन उत्पीड़न करना शामिल है।