प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब खत्म हो चुकी शराब नीति की चल रही जांच के सिलसिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर तलब किया है। केजरीवाल को 19 फरवरी को केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। यह छठी बार है जब केजरीवाल को एजेंसी ने पूछताछ के लिए पेश होने के लिए बुलाया है। इससे पहले उन्हें इस साल 2 फरवरी, 18 जनवरी और 3 जनवरी को और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को बुलाया गया था। सीएम ने हमेशा इन नोटिसों को “अवैध” करार दिया है।
छठा समन दिल्ली की एक अदालत द्वारा ईडी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए केजरीवाल को 17 फरवरी को उसके सामने पेश होने के लिए कहने के कुछ दिनों बाद आया है। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया आप प्रमुख इसका अनुपालन करने के लिए “कानूनी रूप से बाध्य” थे।
कथित अवैध शराब घोटाला मामले में ईडी ने 3 फरवरी को राउज एवेन्यू कोर्ट में AAP प्रमुख के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। इसी पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने फैसला सुनाया और उन्हें अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया।
ईडी द्वारा पीएमएलए की धारा 50 के तहत समन के बावजूद पेश न होने पर शिकायत दर्ज की गई थी। ये धारा समन, दस्तावेजों की जांच आदि के संबंध में ईडी की शक्तियों को निर्धारित करता है। ईडी की शिकायत पर कोर्ट ने केजरीवाल को समन जारी कर 17 फरवरी को पेश होने को कहा है। ईडी ने अपनी अर्जी में कहा है कि केजरीवाल जानबूझकर समन पर नहीं आए। इतने ऊंचे पद पर बैठे लोग अगर समन पर नहीं जाएंगे, कानून का पालन नहीं करेंगे तो इससे गलत मैसेज जाता है।
ईडी ने राउज़ ऐवन्यू कोर्ट में ये कहा-
1. केजरीवाल जानबूझकर समन पर नहीं आए।
2. इतने ऊंचे पद पर बैठे लोग अगर समन पर नहीं जाएंगे, कानून का पालन नहीं करेंगे तो इससे गलत मैसेज जाता है।
3. ED ने इस मामले में अब तक कुल से 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें संजय सिंह, मनीष सिसोदिया और विजय नायर जैसे लोग हैं। ईडी को अपनी जांच आगे बढ़ाने के लिए, प्रोसीड ऑफ़ क्राइम पता लगाने के लिए, अन्य लोगों की भूमिका पता लगाने के लिए अरविंद केजरीवाल को सामान देना जरूरी था।
4. शराब नीति में आम आदमी पार्टी और उनके नेताओं को कथित तौर पर फायदा पहुंचाने के लिए अपराधिक षड्यंत्र बनाया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और राष्ट्रीय कार्यकारणी कमेटी के सदस्य भी हैं।
5. दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 बेहद ही गुप्त तरीके से और मुख्य लाभार्थियों की मिलीभगत से किया गया था, जिन्हें अवैध आर्थिक लाभों के बदले में लाभ/उपहार दिए जाने थे।
वहीं इससे पहले केजरीवाल ने ईडी को पत्र लिखकर समन को “अवैध और राजनीति से प्रेरित” बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका उद्देश्य उन्हें चुनाव प्रचार करने से रोकना था।
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 17 अगस्त 2022 को 2021-22 के लिए दिल्ली शराब नीति में कथित अनियमितताओं के संबंध में दर्ज एक मामले से शुरू हुई है। सीबीआई ने मामला 20 जुलाई 2022 को उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा की गई एक शिकायत पर दर्ज किया गया था। इसके बाद ईडी ने 22 अगस्त 2022 को आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एंगल पर मामला दर्ज किया।
यह आरोप लगाया गया है कि नीति बनाते समय पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसौदिया और अन्य अज्ञात और अनाम निजी व्यक्तियों/संस्थाओं सहित AAP नेताओं द्वारा एक आपराधिक साजिश रची गई थी, और टेंडर के बाद कुछ लाइसेंसधारियों और साजिशकर्ताओं को फायदा पहुंचाने का इरादा था।