महाराष्ट्र कांग्रेस ने राज्यपाल को पत्र लिखकर नवी मुंबई के खारघर में 16 अप्रैल को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह में भाग लेने के दौरान लू लगने से 14 लोगों की मौत पर विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया और पूछा कि क्या मौतें हीट स्ट्रोक या भगदड़ के कारण हुई हैं? कांग्रेस ने इस मुद्दे पर 24 अप्रैल को राज्य भर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने कहा, “सरकार की ओर से कुप्रबंधन के कारण महाराष्ट्र भूषण कार्यक्रम के लिए आए 14 लोगों की मौत हो गई है। यह गैर इरादतन हत्या का एक उदाहरण है और शिंदे सरकार सच्चाई छिपा रही है।”
नाना पटोले ने राज्यपाल रमेश बैस को लिखे पत्र में कहा है कि 14 लोगों की मौत की घटना बेहद गंभीर और दिल दहला देने वाली है।
पटोले ने कहा- “समाजसेवी डॉ. अप्पासाहेब धर्माधिकारी के चाहने वाले लगभग 20 लाख सदस्य इस कार्यक्रम में पूरे राज्य से आए थे। यह समारोह राज्य सरकार द्वारा आयोजित किया गया था और सरकारी खजाने से लगभग 13 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इतना खर्च करने के बावजूद दर्शकों के लिए एक टेंट तक नहीं बनाया गया, उन्हें घंटों धूप में बैठाया गया। इन लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल सका और कई सदस्यों को लू लगने के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि हीट स्ट्रोक के साथ-साथ विभिन्न मीडिया चैनलों के माध्यम से भगदड़ की भी खबरें आ रही हैं, जो बहुत गंभीर है।’
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वह इतने बड़े पैमाने के कार्यक्रम की सही योजना नहीं बना सकी।
पटोले ने कहा कि, “खराब योजना के कारण 14 मौतें हुई हैं और 500 से अधिक लोगों का इलाज चल रहा है। नाना पटोले ने कहा, यह कहकर कि अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने कार्यक्रम के लिए समय दिया था, सरकार उन पर दोष मढ़ रही है।
बता दें कि खारघर में 306 एकड़ के विशाल मैदान में आयोजित भव्य समारोह में धर्माधिकारी के लाखों अनुयायियों ने भाग लिया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्थापित पुरस्कार धर्माधिकारी को प्रदान किया था। समारोह को देखने के लिए मैदान लोगों से भरा हुआ था और श्री सदस्य (धर्माधिकारी के संगठन) के अनुयायियों के लिए ऑडियो/वीडियो सुविधाओं से सुसज्जित था। वहां उपस्थित लोगों के बैठने की व्यवस्था खुले में की गई थी और कोई शेड नहीं था। रविवार को हुए इस मेगा इवेंट के दौरान सूरज की रोशनी के संपर्क में आने के कारण चौदह लोगों की मौत हो गई और 120 से अधिक लोग गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं जैसे निर्जलीकरण से पीड़ित हो गए थे।