आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह ने शनिवार को दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो शराब नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं, को उनकी पत्नी सुनीता से व्यक्तिगत मुलाकात की अनुमति नहीं दी गई है और उनसे केवल एक विंडो बॉक्स के जरिए ही मुलाकात हो सकती है। सिंह ने इस कदम को “अमानवीय” बताया।
दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, संजय सिंह, जिन्हें पिछले अक्टूबर में इसी मामले में गिरफ्तारी के बाद छह महीने तिहाड़ में बिताने के बाद इस महीने की शुरुआत में जमानत दी गई थी, ने कहा कि “यहां तक कि खूंखार अपराधियों को भी अपने बैरक में बैठक करने की अनुमति है”।
उन्होनें पूछा, “दिल्ली के तीन बार के मुख्यमंत्री को उनकी पत्नी से एक खिड़की के बीच में एक शीशा लगाकर मुलाकात कराई जा रही है। ऐसा अमानवीय व्यवहार क्यों?”
आप नेता ने कहा, ”जब सुनीता केजरीवाल ने अपने पति से मुलाकात के लिए आवेदन किया तो उनसे कहा गया था कि वे केवल फेस तो फेस ही मुलाकात कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, ”उन्हें एक कमरे के अंदर व्यक्तिगत रूप से मिलने से मना कर दिया गया और केवल खिड़की के माध्यम से एक-दूसरे से मिलने की अनुमति दी गई।” उन्होंने कहा कि यह दिल्ली के मुख्यमंत्री को ”अपमानित करने और उनका मनोबल तोड़ने” के लिए किया जा रहा है।
सिंह ने कहा, “केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के इशारे पर अरविंद केजरीवाल को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्हें उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।”
संजय सिंह ने आगे दावा किया कि अरविंद केजरीवाल और उनके पंजाब समकक्ष भगवंत मान के बीच एक बैठक भी आखिरी समय में रद्द कर दी गई।
आप नेता ने कहा, “तिहाड़ जेल अधिकारियों ने मान और केजरीवाल की शारीरिक मुलाकात से भी इनकार कर दिया था। हमें बताया गया है कि दोनों मुख्यमंत्रियों को खिड़की के जरिए भी मुलाकात करनी होगी।”
आप नेता ने आगे दावा किया कि सहारा इंडिया परिवार के दिवंगत संस्थापक और अध्यक्ष सुब्रत रॉय के पास “तिहाड़ में इंटरनेट, फोन और कार्यालय की सुविधाएं” थीं, जबकि “चंद्र बंधुओं को जेल परिसर में नियमित बैठकें करने और फाइलों पर हस्ताक्षर करने की भी अनुमति थी”।
उन्होनें पूछा, “आप अरविंद केजरीवाल से इतना डरते क्यों हैं?”
प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को दिल्ली के मुख्यमंत्री को अब खत्म हो चुकी शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।
शनिवार को संजय सिंह की यह टिप्पणी दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज होने के बाद अरविंद केजरीवाल द्वारा बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के कुछ ही दिन बाद आई है।
आप के राष्ट्रीय संयोजक की याचिका में कहा गया है कि उनकी गिरफ्तारी “प्रेरित तरीके से” की गई थी और यह पूरी तरह से बाद के विरोधाभासी और “सह-अभियुक्तों के अत्यधिक देर से दिए गए बयानों” पर आधारित थी, जो अब सरकारी गवाह बन गए हैं।
इसमें मुख्यमंत्री की रिहाई और उनकी गिरफ्तारी को “अवैध” घोषित करने की मांग की गई है।