डॉक्टर विभूति नारायण सिंह गंगापुर परिसर, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में कला मेला एवं सांस्कृतिक उत्सव 2024 का आज समापन सत्र हुआ सम्पन्न। कला मेला के समापन सत्र में मुख्य अतिथि माननीय कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ0 सुनीता पांडेय, वित्त अधिकारी संतोष शर्मा तथा उप कुलसचिव श्री हरिश्चन्द्र शर्मा ने संयुक्त रूप में दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया।
औपचारिक उद्घाटन के उपरान्त सभी सम्मानित अतिथियों का परिसर प्रभारी डॉ0 मनीष कुमार सिंह के नेतृत्व में परिसर के शिक्षकों के द्वारा अंगवस्त्र एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। ललित कला के विद्यार्थी ने कुलगीत का गायन किया।
मेले के दौरान में आयोजित विभिन्न कला प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों को माननीय कुलपति के द्वारा पारितोषिक व प्रमाण पत्र दिया गया।
मेहंदी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अंशु कुमारी द्वितीय स्थान भूमि शर्मा गुंजा बिना आकांक्षा तिवारी और तृतीय स्थान सोनाली पांडे, नंदिता भारती ने प्राप्त किया जबकि सांत्वना पुरस्कार आकांक्षा सिंह ने प्राप्त किया। रंगोली प्रतियोगिता में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एंट्री परिसर एनटीपीसी परिसर के छात्र-छात्राओं ने बाजी मारी और प्रथम स्थान प्राप्त किया प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में विशाल चंद तिवारी नंदिनी भूमि शर्मा और पीयूष विश्वकर्मा है जबकि द्वितीय स्थान गंगापुर परिसर के नाम रही जिसमें श्वेता पटेल प्रतिमा पटेल संगीता पटेल ने रंगोली बनाई थी रंगोली विद्या का तीसरा पुरस्कार नंदिता भारती के नाम रही जिसने अकेले ही एक शानदार रंगोली का निर्माण किया था। रंगोली विद्या का सांत्वना पुरस्कार अंशु कुमारी और अभिजीत कुशवाहा को दिया गया। रंगोली विद्या में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए गंगापुर परिसर के छात्र उदय को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अंतर महाविद्यालय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में गंगापुर परिसर एनटीपीसी परिसर, डॉ शशिकांत सिंह महाविद्यालय बरियासनपुर एवं जगतपुर पीजी कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया था। अपने स्टाल के माध्यम से भी प्रदर्शनी लगाई। शशिकांत सिंह महाविद्यालय के छात्रों को स्टॉल सज्जा के लिए पुरस्कृत किया गया। मेला में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही, मिस्टर और मिस फ्रेशर स्नातक तथा मिस्टर और मिस फैरवेल स्नातक और स्नातकोत्तर भी चयनित किये गए।
आयोजन सचिव सुमित घोष ने बताया कि समापन समारोह की सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ललितकला के विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग प्रस्तुति से धूम मचा दी। मौके पर ही डॉ शुभ्रा वर्मा के निर्देशन मे गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर लिखित नाटक अभिशाप-कच देवयानी का मंचन किया गया।
ललित कला अध्यापक डॉ अर्चना पांडे के निर्देशन में आयोजित भाव चित्र प्रदर्शनी का दायित्व छात्र हर्षिता ने निभाया और 100 से अधिक चित्र प्रदर्शनी में प्रदर्शित किए गए। मूर्ति कलाध्यापक श्री गौरव दुबे जी ने भी अपने विद्यार्थियों के कौशल को प्रेरित कर लाजवाब टेराकोटा शिल्प को प्रदर्शित किया।