छत्तीसगढ़ के बीजापुर में आठ घंटे तक चली सुरक्षा मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की संख्या बुधवार सुबह कर्मियों द्वारा तीन और शव बरामद करने के बाद बढ़कर 13 हो गई है। मुठभेड़ मंगलवार सुबह करीब छह बजे उस समय हुई जब सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम लेंडा गांव के जंगल में नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी। इसे हाल के वर्षों में सबसे बड़े सुरक्षा अभियानों में से एक माना गया है।
बुधवार सुबह तक सुरक्षाकर्मियों ने कुल 13 शव बरामद किए हैं। मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के शव, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं।
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आईजी बस्तर रेंज पी सुंदरराज ने कहा, “स्वतंत्र और सुरक्षित मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए डीआरजी, कोबरा, बस्तर बल, सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी काम कर रहे हैं। इसके अलावा चुनाव आयोग द्वारा हमें अतिरिक्त बल भी आवंटित किया गया है। महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ समन्वय बैठक की जा रही है। 13 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं जिनमें 3 महिलाएं शामिल हैं। शवों की पहचान की जा रही है।”
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा, “शहर में विकास और योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए शांति जरूरी है। सीएम विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है। हमारी सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और हम इसके लिए काम कर रहे हैं।”
मंगलवार का ऑपरेशन, जिसमें जिला रिजर्व गार्ड, स्पेशल टास्क फोर्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) के जवान शामिल थे, सुरक्षा अधिकारियों को एक वरिष्ठ माओवादी की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के बाद चलाया गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बीजापुर जिला बस्तर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां 19 अप्रैल को राष्ट्रीय चुनाव के पहले चरण में मतदान होगा।
ताजा सुरक्षा मुठभेड़ 27 मार्च को बीजापुर के बासागुडा इलाके में एक मुठभेड़ में छह माओवादियों के मारे जाने के लगभग एक हफ्ते बाद हुई।
इस साल अब तक बस्तर में अलग-अलग सुरक्षा मुठभेड़ों में कम से कम 43 माओवादी मारे जा चुके हैं।