पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) यह घोषणा की। अब इसके बाद यह निर्वाचन क्षेत्र प्रतिष्ठा की लड़ाई के केंद्र में आ गया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सलमान निज़ामी ने कहा, “डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद साहब अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। यह निर्णय डीपीएपी कार्य समिति की बैठक में लिया गया।”
डीपीएपी के उम्मीदवार के रूप में आजाद का मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के अनुभवी नेता मियां अल्ताफ अहमद से होगा, जो इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार हैं।
दरअसल, मियां अल्ताफ की उम्मीदवारी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना खत्म कर दी है। चुनावी समझौते पर पहुंचने के लिए कांग्रेस नेशनल कांग्रेस और पीडीपी के बीच कई महीनों से बातचीत चल रही है।
उमर अब्दुल्ला की पार्टी के इस कदम ने पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) की संभावनाओं को भी नुकसान पहुंचाया, जो एक राजनीतिक गठन था। इसका गठन जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति की बहाली के लिए लड़ने के लिए किया गया था।
पीडीपी का गढ़ रहे अनंतनाग को महबूबा मुफ्ती छोड़ने को तैयार नहीं हैं। पार्टी इस सीट के लिए उम्मीदवार के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर सकती है। 2019 में महबूबा मुफ्ती यहां तीसरे स्थान पर रहीं थीं।
यह सीट पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों के लिए अस्तित्व और प्रतिष्ठा की लड़ाई है।
निर्वाचन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक उत्थान की उम्मीद कर रही भाजपा इस सीट पर गहनता से काम कर रही है और पार्टी के राज्य प्रमुख रविंदर रैना संभावित भाजपा उम्मीदवार के रूप में सबसे आगे हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी अनंतनाग-राजौरी निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा सांसद हैं।