महाराष्ट्र के बारामती में आगामी लोकसभा चुनाव में पवार परिवार के भीतर टकराव की संभावना है, जहां उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने अपनी चचेरी बहन और सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने का संकेत दिया है। यह घटनाक्रम उन अटकलों के बीच आया है जिसमें कहा गया था कि अजित पवार कथित तौर पर दिग्गज नेता शरद पवार की बेटी सुले के खिलाफ बारामती से अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतार सकते हैं।
बारामती सीट पांच दशकों से अधिक समय से पवार परिवार और सुप्रिया सुले का गढ़ रही है। सुले ने 2009 से लगातार तीन बार निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
शरद पवार ने 1967, 1972, 1978, 1980, 1985 और 1990 में बारामती से महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीता। उन्होंने 1984, 1996, 1998, 1999 और 2004 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता।
2024 में स्थिति अलग है। अजित पवार और विधायकों के एक वर्ग के एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी दो गुटों में बंट गई है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उनका उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में सुले के खिलाफ जीतता है, तो वह इस साल के अंत में बारामती से होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
पवार ने कहा कि वह ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे जिसने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा हो। उन्होनें कहा, “महाराष्ट्र राज्य के गठन और चुनाव शुरू होने से लेकर आज तक बारामती में ऐसा कभी नहीं हुआ कि विपक्षी उम्मीदवार की जमानत जब्त न हुई हो। और मुझे इस पर गर्व है।”
उन्होंने आगे कहा, “लोग आपके पास आएंगे और भावनात्मक मुद्दों पर वोट मांगेंगे, लेकिन यह आपको तय करना है कि आप भावनात्मक आधार पर वोट देंगे या विकास कार्यों को जारी रखने और अपनी आने वाली पीढ़ियों के कल्याण के लिए वोट देंगे।”
अजित पवार ने सुले पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग काम करते हैं, उन्हें आरोपों का सामना करना ही पड़ता है। जो लोग काम नहीं करते, उनका साफ रहना तय है।”
वहीं पवार के बयान पर एनसीपी-शरदचंद्र पवार की नेता सुप्रिया सुले ने कहा, ”यह लोकतंत्र है, यहां हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है और इसलिए यह कहना उचित है। लेकिन, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दर्दनाक है कि का मंदिर लोकतंत्र ही संसद है और कल जिस तरह से संसदीय प्रक्रियाओं का मजाक उड़ाया गया, वह हम जैसे प्रतिबद्ध और समर्पित लोगों के लिए बहुत दर्दनाक था। हम जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज की ओर देखते हैं, जिन्होंने संसद में बहस करके कई बड़े मतभेद पैदा किए। मैं आश्चर्यचकित और निराश हूं कि अजित पवार जैसा वरिष्ठ नेता ऐसा कुछ कह रहा है।”
इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली एनसीपी घोषित किया था। चुनाव आयोग ने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न भी आवंटित किया है।