उत्तराखंड के हलद्वानी में गुरुवार को भड़की हिंसा में दो की मौत हो गई जबकि 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। हिंसा के बाद पूरे राज्य में हाई अलर्ट जारी किया गया है। मौके पर चार पैरा मिलिट्री और छह पीएसी की कंपनी भेजी गई हैं। हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं और प्रशासन ने नैनीताल के सभी स्कूलों और कॉलेजों को भी बंद करने का आदेश दिया। हिंसा बढ़ने पर हलद्वानी की सभी दुकानें बंद कर दी गईं।
दरअसल हल्द्वानी नगर निगम ने कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को अवैध रूप से निर्मित एक मदरसे को बुलडोजर से गिरा दिया। शुरुआत में जब नगर निगम ने बुलडोजर से मदरसे को गिराना शुरू किया तो बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं पहुंच गईं। वो विरोध करने लगीं। लेकिन बाद में गुस्साए लोगों ने नगर निगम टीम पर ही हमला बोल दिया। उपद्रवियों ने थाने पर पथराव किया और ट्रांसफार्मर सहित कई गाड़ियां जला दी। इलाके में पुलिस वाहनों सहित कई वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई। इस पथराव में SDM समेत बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए। भीड़ ने बनभूलपुरा थाने को भी घेर लिया जिसकी वजह से कई पत्रकार और प्रशासन के अधिकारी थाने के अंदर फंस गए। बढ़ते तनाव को देखते हुए हल्द्वानी में अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दंगे को देखते हुए हलवानी के बनभूलपुरा में देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए और कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए।
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उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिसकर्मियों ने हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले भी दागे। नैनीताल जिलाधिकारी ने बताया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हमारे पास वीडियो रिकॉर्डिंग से लेकर दंगाइयों के अनेक इनपुट हैं, उन सबको एकत्र किया जा रहा है। नुकसान की भरपाई उन्हीं दंगाइयों के द्वारा की जाएगी। जानकारी जुटाने के लिए दंगाइयों के पोस्टर भी जारी किए जाएंगे। पुलिस और प्रशासन ने धैर्य का परिचय दिया है। अवैध अतिक्रमण पर हमारा अभियान रुकने वाला नहीं है।
नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कहा, “हाई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए। कुछ ने होई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया। जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया। यह कोई पृथक गतिविधि नहीं थी और किसी विशेष परिसंपत्ति को टारगेट करके की गई गतिविधि नहीं थी। ये काफी लंबे समय से हल्द्वानी के अंतर्गत सरकारी परिसंपत्तियों को अलग-अलग क्षेत्रों में बचना का, अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चल रहा है। उसी क्रम में खाली संपत्ति में दो संरचनाएं हैं, जो धार्मिक संरचना के रूप में पंजीकृत नहीं है और न ही कोई मान्यता प्राप्त है। कुछ लोग इस संरचना को मदरसा कहते हैं और कुछ लोग पूर्ण नमाज स्थल कहते हैं. इसको हमने खाली कराया।”
उन्होनें कहा कि ये योजना बनाई गई थी कि जिस दिन डिमोलिशन अभियान चलाया जाएगा उस दिन बलों पर हमला किया जाएगा। हमने पत्थरों वाली पहली भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया और दूसरी भीड़ जो आई उसके पास पेट्रोल से भरे बोतल थे उसमें उन्होंने आग लाग के फेंकी। तब तक हमारी टीम ने कोई बल प्रयोग नहीं किया था।
सिंह ने बटगया, “हमने डिमोलिशन अभियान जारी रखने का फैसला किया क्योंकि परिसंपत्तियों पर कोई रोक नहीं था, किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं था। विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया गया। हमारी टीमें और संसाधन मूव हुई और किसी को उकसाया या नुकसान नहीं पहुंचाया गया जिससे जनसंपत्ति की हानि हमारी टीमों (पुलिस और प्रशासन) के माध्यम से हो। अभियान शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हुआ। पूरी प्रक्रिया ठीक से होने के बावजूद आधे घंटे के भीतर एक बड़ी भीड़ ने हमारी नगर निगम टीम पर पहला हमला किया।
उन्होंने कहा, “भीड़ ने थाने को घेर लिया और थाने के अंदर मौजूद लोगों को बाहर नहीं आने दिया गया। उन पर पहले पथराव किया गया और फिर पेट्रोल बम से हमला किया गया। थाने के बाहर वाहनों में आग लगा दी गई और धुएं के कारण दम घुटने लगा। पुलिस थाने की सुरक्षा के लिए ही आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया। अभी तक आधिकारिक जानकारी के मुताबिक दो लोगों की मौत हुई है।”
डीएम ने कहा कि परिसंपत्तियों के नुकसान में मुख्य रूप से थाना को पूरी तरह से नुकसान हुआ है। भीड़ ने पुलिस स्टेशन को क्षतिग्रस्त कर दिया। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह सांप्रदायिक घटना नहीं थी। तो इसे सांप्रदायिक या संवेदनशील न बनाया जाए। किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की। यह राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने का एक प्रयास था।”
इससे पहले उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता और आईजी नीलेश भरने ने बताया कि अर्धसैनिक बल की 4 कंपनियां हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित इलाके में भेजी गई हैं। IG ने बताया कि ऊधमसिंह नगर से PAC की 2 कंपनियां हल्द्वानी पहुंच चुकी हैं।
उत्तराखंड के DGP अभिनव कुमार ने कहा, “शाम लगभग 4 बजे हलद्वानी के बनभूलपुरा में जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम न्यायालय के आदेशों के क्रम में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही थी। उस कार्रवाई के विरोध में वहां कुछ उपद्रवी अराजक तत्वों द्वारा पथराव और आगजनी की गई। थाने के आस-पास तोड़फोड़ और आगजनी की सूचना है। सूचना मिलते ही DIG कुमाऊ भी मौके पर पहुंचे और आस-पास के जनपद से भी अतिरिक्त पुलिसबल वहां भेजा गया है। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा उनके आवास पर एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई गई। बैठक में स्थिति का जायजा लिया गया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। घायल पुलिस कर्मियों और प्रशासन के लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन नियंत्रण में है और हमारे पास इस पूरे घटनाक्रम में हुए उपद्रव की CCTV फुटेज है। आने वाले दिनों में इस घटना के पीछे उपद्रवी तत्वों को चिन्हित करके उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय ने बताया कि मदरसा और नमाज वाली जगह पूरी तरह अवैध है। इसके पास तीन एकड़ जमीन पर नगर निगम ने पूर्व में कब्जा ले लिया था। अवैध मदरसे और नमाज स्थल को सील कर दिया था। अब इसे ध्वस्त कर दिया गया है। कार्रवाई के दौरान पथराव करने वाले अराजक तत्वों को चिन्हित किया जा रहा है। उनकी गिरफ्तारी की जा रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ बैठक के बाद बनभूलपुरा में कर्फ्यू लगा दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि लोगों को केवल चिकित्सा आपात स्थिति में ही बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।
इस मामले पर सीएम धामी ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर प्रशासन वहां अवैध अतिक्रमण तोड़ने गया था। वहां कुछ असामाजिक तत्वों की पुलिस से झड़प हो गई। इसमें पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों को चोटें आई हैं। अधिक फोर्स भेजी जा रही है। शांति बनाए रखने की अपील है। कर्फ्यू लगा दिया गया। दंगा और तोड़फोड़ करने वाले और वाहन जलाने वालों पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
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वहीं कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा, “हल्द्वानी की स्थिति को देखते हुए मैं बहुत चिंतित हूं और बहुत दुखी भी हूं। हल्द्वानी का इतिहास शांति, सौहार्द और भाईचारे का रहा है। सभी पक्षों को शांति बनाई रखनी चाहिए और फिर से सौहार्द कायम करने की कोशिश करनी चाहिए। दोनों पक्षो को धैर्य और संयम रखने की आवश्यकता है।”