दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत उनकी दोनों बेटियों को नौकरी के बदले जमीन घोटाले में जमानत दे दी। यह घटनाक्रम राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती के घोटाले के मामले में सुनवाई के लिए अदालत पहुंचने के बाद हुआ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के बाद अदालत ने उन्हें तलब किया था।
कोर्ट ने राबडी देवी, मीसा भारती ,हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी को 1-1 लाख के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी। अमित कात्याल पहले ही अंतरिम जमानत पर चल रहा है। सुनवाई शुरू होते ही आरोपियों ने जमानत याचिका दाखिल की। ईडी ने कहा कि जमानत पर जवाब देने के लिए समय चाहिए। लिहाजा कोर्ट ने आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी। ईडी ने अंतरिम जमानत का विरोध नहीं किया। मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
पिछली तारीख पर कोर्ट ने राबड़ी, मीसा, हेमा, हृदयानंद चौधरी, अमित कात्याल, ए के इंफिसिस्टम और एबी एक्सपोर्ट को समन कर पेश होने का आदेश दिया था। ईडी की चार्जशीट पर दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने संज्ञान लिया था। ED ने इस मामले में 4751 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। लैंड फॉर जॉब मामले मे ईडी की ये पहली चार्जशीट है।
इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कुल सात को आरोपी बनाया है। सात आरोपियों में राबडी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव ,हृदयानंद चौधरी, अमित कात्याल और दो कंपनियों एके इन्फोसिस्टम और एबी एक्सपोर्ट शामिल हैं।
पिछली सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि आरोपी अमित कात्याल ने वर्ष 2006-07 में एके इन्फोसिस्टम नामक कंपनी का गठन किया था। कंपनी आइटी से जुड़ी हुई थी। ईडी ने अदालत को बताया था कि कंपनी ने वास्तविक रूप से कोई व्यापार नहीं किया बल्कि कई भूखंड खरीदे। इनमें से एक भूखंड नौकरी के बदले जमीन घोटाले से हासिल किया गया। इसी कंपनी को 2014 में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर एक लाख रूपये में ट्रांसफर कर दिया गया था।
वहीं, एबी एक्सपोर्ट कंपनी 1996 में एक्सपोर्ट का व्यापार करने के लिए गठित की गई थी। वर्ष 2007 में एबी एक्सपोर्ट कंपनी को पांच कंपनियों से पांच करोड़ रुपये मिले और न्यू फ्रेंड्स कालोनी में एक संपत्ति खरीदी गई। ईडी ने अदालत को बताया कि इस मामले में सात भूखंडों का मामला है। इनमें से राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा भारती ने भूखंड हासिल किए, बाद में इन भूखड़ों को बेच दिया गया। ईडी ने अदालत को बताया था कि इस मामले में केवल अमित कात्याल को गिरफ्तार किया गया है।
30 जनवरी को सीबीआई ने अदालत को बताया था कि वे लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित एक मामले में एक महीने के भीतर पूरक आरोप पत्र दायर करेंगे। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि फरवरी के अंत तक अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी जाएगी।
जांच के दौरान जब्त किए गए 13 लाख रुपये नकद जारी करने के लिए राजद नेता अहमद अशफाक करीम द्वारा दायर एक आवेदन पर जवाब देते हुए सीबीआई ने अदालत को यह जानकारी दी थी। अदालत ने पूरक आरोप पत्र दाखिल होने तक आवेदन को लंबित रखा है। यह मामला 27 फरवरी को सूचीबद्ध किया गया है।
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