बुधवार रात को रांची के राजभवन में झारखंड के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा देने के तुरंत बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले बुधवार शाम को कथित भूमि घोटाले के सिलसिले में ईडी द्वारा सात घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। गिरफ्तारी के बाद सोरेन ने कहा कि वह हार स्वीकार नहीं करेंगे और लड़ते रहेंगे। उन्होंने कवि और शिक्षाविद शिवमंगल सिंह सुमन द्वारा लिखी गई कुछ पंक्तियाँ पोस्ट की।
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हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद झारखंड के मंत्री चंपई सोरेन ने राज्यपाल के सामने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। दरअसल, पूरे दिन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर चर्चा रही। कई दौर की बैठकों और विचार-विमर्श के बाद, झारखंड के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुना गया। झामुमो विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चंपई सोरेन ने राज्यपाल से संपर्क किया और 43 विधायकों के समर्थन के साथ झारखंड में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया।
चंपई आदिवासी समाज से आते हैं और शिबू सोरेन के बेहद करीबी हैं। राजनीति में आने से पहले चंपई खेती-किसानी का काम करते थे। इस समय हेमंत सरकार में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री हैं और उनके पास परिवहन मंत्रालय है। वे सरायकेला से विधायक हैं। चंपई को झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। झारखंड आंदोलन में चंपई सोरेन भी शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं। हेमंत भी चंपई का सम्मान करते हैं और कई मौकों पर उनसे सलाह-मशविरा करते हैं।
जांच एजेंसी ने दिन भर की हलचल के बाद हेमंत सोरेन को रांची के राजभवन से गिरफ्तार किया। 48 वर्षीय राजनेता को झारखंड के मुख्यमंत्री पद से राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपने के तुरंत बाद रांची में प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय ले जाया गया।
इस बीच सोरेन की गिरफ्तारी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि ED, CBI और IT अब सरकारी एजेंसियां नहीं बल्कि बीजेपी की ‘विपक्ष मिटाओ सेल’ बन चुकी हैं। खुद भ्रष्टचार में डूबी बीजेपी सत्ता की सनक में लोकतंत्र को तबाह करने का अभियान चला रही है।
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जो मोदी के साथ नहीं गया, वो जेल जाएगा। खड़गे ने कहा कि विपक्ष को डराना, बीजेपी की टूलकिट का हिस्सा है।
इससे पहले बुधवार को हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की, जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।
हेमंत सोरेन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप ‘भूमि माफिया’ के सदस्यों के साथ उनके कथित संबंधों के अलावा कुछ अचल संपत्तियों के कथित अवैध कब्जे से संबंधित हैं। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार यह जांच झारखंड में “माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के एक बड़े रैकेट” से जुड़ी है।
बता दें कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 48 विधायक हैं। इसमें झामुमो 29, कांग्रेस 17, राजद 1 और सीपीआई (एमएल) 1 शामिल हैं जबकि विपक्षी एनडीए में 32 विधायक हैं। इसमें बीजेपी 26, AJSU 3, NCP (AP) 1, निर्दलीय 2 विधायक शामिल हैं। एक सीट खाली है।