रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पेटीएम पेमेंट बैंक लिमिटेड को झटका देते हुए कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। रिजर्व बैंक ने 29 फरवरी से वॉलेट और FASTags सहित किसी भी ग्राहक खाते में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) को प्रतिबंधित करने का निर्देश जारी किया है। रिजर्व बैंक का यह कदम पेटीएम पेमेंट्स बैंक के संचालन के बारे में चिंताएं बढ़ाता है और बैंक के कामकाज में संभावित मुद्दों या गैर-अनुपालन के जवाब में एक महत्वपूर्ण नियामक हस्तक्षेप का संकेत देता है।
आरबीआई ने कहा है कि उसने पीपीबीएल को 11 मार्च 2022 को तत्काल प्रभाव से नए ग्राहकों को शामिल करना बंद करने का निर्देश दिया था। हालांकि, बैंक ने कहा कि बाहरी लेखा परीक्षकों द्वारा बाद में अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट से “लगातार गैर-अनुपालन” और बैंक में निरंतर सामग्री पर्यवेक्षी चिंताओं का पता चला।
https://x.com/RBI/status/1752651303338365370?s=20
29 फरवरी 2024 से पीपीबीएल को आगे जमा स्वीकार करने, क्रेडिट लेनदेन में संलग्न होने, या प्रीपेड उपकरणों, वॉलेट, फास्टैग, एनसीएमसी कार्ड इत्यादि सहित किसी भी ग्राहक खाते में टॉप-अप की सुविधा देने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
आरबीआई द्वारा स्पष्ट किया गया है कि सेविंग्स बैंक अकाउंट, करंट अकाउंट और फास्टैग समेत अन्य में पहले से डिपॉजिट रकम को निकालने या फिर इसका इस्तेमाल बिना रोक-टोक के किया जा सकेगा। RBI ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ ये एक्शन बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट-1949 के सेक्शन 35A के तहत लिया है।
रिजर्व बैंक की ओर से लिए गए इस एक्शन के संबंध में कहा गया है कि एक ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटर्स के द्वारा सत्पापित रिपोर्ट के बाद पेटीएम की बैंकिंग सर्विस में गैर अनुपालन और मैटेरियल सुपरवाइजरी चिंताएं उजागर हुई हैं। इस सबके बीच ये फैसला लिया गया है और आदेश के तहत नए ग्राहक जोड़ने पर बैन के साथ ही आगामी 29 फरवरी 2024 के बाद से मौजूदा ग्राहकों के अकाउंट्स में भी ट्राजैक्शंस पर रोक लगा दी गई है।
पीपीबीएल को निकासी और खाता उपयोग के अलावा कोई भी अतिरिक्त बैंकिंग सेवा प्रदान करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसमें फंड ट्रांसफर (एईपीएस, आईएमपीएस आदि सहित), बीबीपीओयू और यूपीआई सुविधाओं जैसी सेवाओं को बंद करना शामिल है।
आरबीआई ने कहा, “इसके अतिरिक्त, 29 फरवरी 2024 को या उससे पहले शुरू किए गए लेनदेन से संबंधित सभी पाइपलाइन लेनदेन और नोडल खातों का निपटान 15 मार्च 2024 तक किया जाना चाहिए।”
बैंक ने कहा, “इस समय सीमा से परे किसी भी लेनदेन की अनुमति नहीं दी जाएगी। आरबीआई के कड़े निर्देश डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर ग्राहकों के हितों की सुरक्षा और अनुपालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नियामक उपायों को रेखांकित करते हैं।”