झारखंड में सियासी माहौल गरम है। ईडी के शिकंजा कसने पर सरकार को लेकर संकट की स्थिति में है। ईडी की टीम रांची में हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही है। जमीन घोटाले में उनकी भूमिका को लेकर सवाल किए जा रहे हैं। सात अधिकारियों की टीम के साथ बड़ी संख्या में सुरक्षाबल भी पहुंचे हैं। हेमंत को अब तक ईडी 10 समन जारी कर चुकी है। इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 30 घंटे बाद मंगलवार दोपहर रांची पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि सोरेन कथित भूमि धोखाधड़ी मामले में जांच एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के कगार पर हैं। ईडी ने कम से कम तीन मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की अपनी जांच में कथित तौर पर सोरेन के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए हैं जिसमें भूमि मामला, अवैध खनन और कोयला खनन शामिल है।
ईडी के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान एकत्र किए गए सबूत सोरेन की गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त हैं। भूमि मामले के अलावा, ईडी का दावा है कि सोरेन और झारखंड में अवैध खनन गतिविधियों के बीच संबंध मिले हैं।
धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए बयानों में कथित तौर पर उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने सोरेन और उनके करीबी लोगों का नाम लिया है, जिनमें राज्य के उच्च पदस्थ अधिकारी भी शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि ईडी के पास सोरेन को अपराध की कमाई से खरीदी गई बेनामी संपत्तियों से जोड़ने के दस्तावेजी सबूत भी हैं।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होने पर उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा और गठबंधन सरकार को नया नेता चुनना पड़ेगा। ऐसे में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और पार्टी के सीनियर नेता चंपई सोरेन का नाम चर्चा में है।
सूत्रों का कहना है कि विधायकों की बैठक में हेमंत सोरेन ने दो सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाए हैं। एक पत्र में कल्पना सोरेन के लिए और दूसरे पत्र में मंत्री चंपई सोरेन के नाम पर दस्तखत करवाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि झामुमो विधायकों (7 विधायक कल बैठक में मौजूद नहीं थे) ने कल्पना सोरेन और चंपई सोरेन के समर्थन में दो पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं। अगर हेमंत को गिरफ्तार किया जाता है तो ऐसी स्थिति में नई सरकार की कवायद शुरू करनी होगी। उस समय ये पत्र अहम होंगे और किसी एक नाम पर आखिरी सहमति बनाकर राज्यपाल को चिट्ठी सौंपी जा सकती है।
पहले विकल्प के तौर पर कल्पना सोरेन का नाम है। वो हेमंत की पत्नी हैं। दूसरा पेपर नेतृत्व की भूमिका के लिए झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का समर्थन करता है। चंपई आदिवासी समाज से आते हैं और शिबू सोरेन के बेहद करीबी हैं। राजनीति में आने से पहले चंपई खेती-किसानी का काम करते थे। इस समय हेमंत सरकार में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री हैं और उनके पास परिवहन मंत्रालय है। वे सरायकेला से विधायक हैं। चंपई को झारखंड टाइगर के नाम से भी जाना जाता है। झारखंड आंदोलन में चंपई सोरेन भी शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं। हेमंत भी चंपई का सम्मान करते हैं और कई मौकों पर उनसे सलाह-मशविरा करते हैं।
भूमि मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ईडी की एक टीम सोमवार को सोरेन के दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर पहुंची थी। हालांकि, ईडी सूत्रों के मुताबिक, सोरेन अपने आवास पर मौजूद नहीं थे और कथित तौर पर देर रात किसी अज्ञात स्थान पर चले गए थे।
ईडी की टीम ने सुबह 7 बजे अपनी खोज शुरू करते हुए सोरेन के वर्तमान स्थान का पता लगाने की कोशिश की। जब वे उनके स्थान का पता नहीं लगा सके, तो जांच एजेंसी ने उन्हें लापता घोषित कर दिया। ईडी के अनुसार, उनके दिल्ली आवास पर तलाशी भूमि मामले से संबंधित ताजा जानकारी के आधार पर शुरू की गई थी।
सोरेन पहले ही नौ समन छोड़ चुके हैं और उन्हें 27 जनवरी को दसवां समन जारी किया गया था। वह 31 जनवरी को रांची में अपने आधिकारिक आवास पर पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होने के लिए सहमत हो गए हैं।
ईडी ने मामले में पहली बार 20 जनवरी को सोरेन का बयान दर्ज किया था, जब उसके जांचकर्ता रांची में उनके आधिकारिक आवास पर गए थे। जांचकर्ताओं द्वारा उनके घर पर बिताए गए लगभग सात घंटों के दौरान पीएमएलए के तहत बयान दर्ज किया गया था।
ईडी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि सोरेन किसी भी तारीख पर उपस्थित होने में विफल रहते हैं, तो वे उन तक पहुंचने के लिए आगे की कार्रवाई करेंगे।जबकि सोरेन ने 31 जनवरी को पूछताछ के लिए सहमति व्यक्त की, झारखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय के करीबी सूत्रों ने कहा कि वह कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।
इससे पहले रविवार को सोरेन ने कथित तौर पर दिल्ली में एक वकील से मुलाकात की और ऐसी आशंका है कि वह दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा मांगने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। हालांकि उनकी पिछली दो ऐसी याचिकाएं अदालतों ने खारिज कर दी थीं।
सोरेन के दिल्ली आवास पर तलाशी के दौरान ईडी ने उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए बयान दर्ज किए। हालांकि मुख्यमंत्री के मौजूद नहीं रहने के कारण उनका बयान दर्ज नहीं किया जा सका।
सोमवार देर रात, ईडी ने दिल्ली में सोरेन के आधिकारिक आवास पर तलाशी के दौरान दो बीएमडब्ल्यू, आपत्तिजनक दस्तावेज और 36 लाख रुपये नकद जब्त किए।