उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा सुरंग में अभी भी फंसे लगभग 40 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए बचाव प्रयास सोमवार को भी जारी रहा। अधिकारियों ने कहा कि फंसे हुए श्रमिक सुरक्षित हैं और उनके साथ संचार स्थापित किया गया है और सुरंग में पानी की आपूर्ति के लिए बिछाई गई पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। उसी पाइप के जरिए रात में कंप्रेसर के जरिए दबाव बनाकर फंसे हुए मजदूरों तक खाद्य सामग्री पहुंचाई गई। बताया जा रहा है कि टनल में फंसे मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा से हैं।
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इस बीच, मलबा हटाने के लिए भारी उत्खनन मशीनें तैनात की गई हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को बचाव अभियान कार्य का निरीक्षण करने के लिए घटना स्थल का दौरा किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अन्य एजेंसियां और विशेषज्ञ फंसे हुए 40 लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। हम फंसे हुए लोगों के परिवारों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि राज्य सरकार और प्रशासन उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
मालूम हो कि ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच एक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह ढह जाने से कम से कम 40 मजदूर फंस गए थे। उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अर्पण यदुवंशी ने कहा कि घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवानों ने मौके पर खोज और बचाव अभियान शुरू किया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की जानकारी लेने के लिए उत्तरकाशी के डीएम रुहेला से बात की और उनसे बचाव अभियान तेज करने को कहा।
धामी ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा, “मैं मौके पर मौजूद अधिकारियों के संपर्क में हूं और लगातार स्थिति पर नजर रख रहा हूं। मैंने उनसे बचाव प्रयासों में तेजी लाने के लिए कहा है। मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी को सुरक्षित बचा लिया जाए।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री से बात कर, किए जा रहे बचाव प्रयासों की जानकारी ली।