केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बुधवार को लगातार पांचवें दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही, क्योंकि समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 373 रहा। राष्ट्रीय राजधानी और आस पास के इलाकों में मंगलवार को धुंध छाई रही और शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 350 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को यह 347 और रविवार को 325 था।
सोमवार को शहर के कुछ हिस्सों में AQI का स्तर ‘गंभीर’ क्षेत्र में प्रवेश कर गया था। दिल्ली के जहांगीरपुरी में रविवार को सीजन का सबसे अधिक AQI 566 ‘खतरनाक’ श्रेणी में दर्ज किया गया। दिल्ली और इसके आसपास के क्षेत्र इस समय वायु गुणवत्ता की विभिन्न स्थितियों से जूझ रहे हैं।
इस बीच देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हवा की गुणवत्ता 173 AQI के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में थी।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, “दिल्ली के लिए 1 नवंबर से 15 नवंबर काफी संवेदनशील होते हैं। अभी तापमान में भी कमी देखी जा रही है, हवा की गति भी कम है। ऐसे में जितने भी धूल कण हैं वे काफी नीचे हैं। कल AQI 350 के करीब था। दिल्ली में 13 हॉटस्पॉट पर काम हो रहे हैं। इससे काफी चीजें नियंत्रण में आई हैं। कुछ जगहों पर गाड़ियों द्वारा प्रदूषण ज्यादा हो रहा है। उसको लेकर पूरी दिल्ली के संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक की गई है।”
शून्य और 50 के बीच एक AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
हवा की बिगड़ती गुणवत्ता के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों को वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उनके द्वारा शुरू किए गए उपायों को गिनाते हुए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था। जस्टिस एसके कौल की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पांचों राज्यों को एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
पीठ ने कहा था कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारण फसल जलाना है। शीर्ष अदालत ने पहले दिल्ली और उसके आसपास वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से रिपोर्ट मांगी थी।
इस बीच दिल्ली सरकार ने निर्देश दिया है कि बुधवार से BS-3 और BS-4 डीजल बसों की एंट्री पर बैन है। अब दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान से आने वाली ऐसी डीजल बसें राजधानी दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगी। केवल इलेक्ट्रिक, सीएनजी एवं भारत स्टेज (BS-6) बसों को ही दिल्ली में एंट्री मिल सकेगी। इस उपाय का उद्देश्य क्षेत्र में चलने वाली डीजल से चलने वाली बसों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण से निपटना है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को जारी एक परिपत्र में परिवहन विभाग ने बसों के लिए दिशानिर्देश साझा किए जो बुधवार से लागू होंगे।