प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को तलब किया है। अभिषेक को 9 अक्टूबर को एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है और उनकी पत्नी को 11 अक्टूबर को बुलाया गया है। यह पहली बार है जब ईडी ने भर्ती घोटाले में रुजिरा को समन जारी किया है। इससे पहले अभिषेक को 3 अक्टूबर को कोलकाता स्थित ED के दफ्तर बुलाया गया था, लेकिन वह दिल्ली में थे। इस कारण वह पूछताछ में शामिल नहीं हो सके थे।
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2016 का शिक्षक भर्ती घोटाला हजारों शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित है। बंगाल के शिक्षा मंत्री रहे पार्थ चटर्जी के कार्यकाल में स्कूल सेवा आयोग (SSC) ने शिक्षकों की ये भर्तियां निकाली थीं। आरोप है कि रिश्वत लेकर इस भर्ती में शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर नियुक्ति दी गई। चटर्जी फिलहाल जेल में बंद हैं।
ईडी ने इससे पहले 13 सितंबर को मामले के संबंध में बनर्जी से लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की थी। यह मामला पश्चिम बंगाल में प्राथमिक शिक्षकों के रूप में विभिन्न अवैध नियुक्तियों की व्यवस्था करने के लिए उम्मीदवारों से कथित तौर पर रकम वसूलने से संबंधित है।
जांच एजेंसी के अनुसार, अभिषेक बनर्जी के पिता, अमित बनर्जी, लीप्स एंड बाउंड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक थे और उनकी पत्नी रुजिरा लीप एंड बाउंड मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड की निदेशक थीं, जिसका उपयोग घोटाले में “दागदार धन” को मोड़ने के लिए किया गया था।
ईडी के अधिकारियों ने पहले कहा था, “एक बड़ी साजिश के हिस्से के रूप में, अवैध कोयला खनन की आय के मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल साजिशकर्ताओं और भ्रष्ट राजनेताओं के माध्यम से विभिन्न व्यापार मालिकों से फर्जी समझौते के तहत धन एकत्र किया गया था।”
जांच एजेंसी के आरोप पत्र के अनुसार, तापस कुमार मंडल नामक व्यक्ति ने खुलासा किया कि कुंतल घोष, जो सुजॉय कृष्ण भद्र के बहुत करीबी थे, ने विभिन्न अवैध नियुक्तियों की व्यवस्था के लिए उनसे रकम एकत्र की थी।
ईडी ने कहा कि सुजय कृष्ण भद्र अभिषेक बनर्जी के वित्त संबंधी मामलों को देखते थे, जो अखिल भारतीय तृणमूल युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष थे। एजेंसी ने यह भी कहा कि एसके भद्रा बनर्जी के काफी करीबी थे।