बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्र शेखर एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। उन्होंने हिंदू धार्मिक पुस्तक रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से की है।बिहार के मंत्री ने यह टिप्पणी हिंदी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। चंद्र शेखर ने कहा, “यदि आप पचपन प्रकार के व्यंजन परोसें और उसमें पोटेशियम साइनाइड मिलाएं, तो क्या आप इसे खाएंगे? हिंदू धर्म के ग्रंथों का भी यही हाल है।”
उन्होंने कहा कि बाबा नागार्जुन और लोहिया समेत कई लेखकों ने भी इसकी आलोचना की है।
मंत्री ने कहा, “रामचरितमानस पर मेरी आपत्ति दृढ़ है, और यह जीवन भर बनी रहेगी। यहां तक कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी इस पर टिप्पणी की है।”
उन्होंने कहा, “जब तक गटर में कदम रखने वालों की जातियां नहीं बदली जाएंगी, इस देश में आरक्षण और जाति जनगणना की जरूरत रहेगी।”
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शिक्षा मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ‘INDIA’ गठबंधन को घेरा है।
बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ”मंत्री चंद्र शेखर लगातार रामचरितमानस पर विवादित बयान दे रहे हैं। क्या नीतीश कुमार को यह बात सुनाई नहीं दे रही है? नीतीश कुमार लगातार सनातन का अपमान कर रहे हैं।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि चन्द्रशेखर को इससे कोई दिक्कत है तो उन्हें अपना धर्म बदल लेना चाहिए।
भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा, “बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने श्रीराम चरित्र मानस को पोटेशियम साइनाइड बता दिया। लिस्ट जारी करने वालों के मुह से एक शब्द नहीं निकल रहा है। क्या आप इस मंत्री का बहिष्कार करेंगे या नहीं। राहुल गांधी जवाब दीजिए। आपमें हिम्मत है उस राजनीतिक पार्टी और उस नेता का बहिष्कार कर सकते हैं क्या?
पात्रा ने आगे कहा कि INDI Alliance के सभी लोग हिंदू धर्म के लिए जहर से भरे हुए हैं और यह उनके सभी बयानों में झलकता है… उनका कहना है कि रामचरितमानस पोटेशियम साइनाइड है। इसमें करोड़ों लोगों की श्रद्धा निहित है…जो लोग ‘राम’ को विष कहने का दुस्साहस कर रहे हैं, वे इस देश की मूल आस्था पर सवाल उठा रहे हैं और उसे चोट पहुंचा रहे हैं। जनता उनका बहिष्कार करेगी।
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एलजेपी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, “वह उस राज्य के शिक्षा मंत्री हैं जहां वर्षों से पाठ्यक्रम खत्म नहीं हुए हैं। जहां प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है। जहां छात्रों के लिए कोई बुनियादी ढांचा और बेंच नहीं है। ये विवादित बयान देकर कोई भी पहचान सकता है कि इससे समाज में विभाजन को बढ़ावा मिलेगा…एक बार भी शिक्षा मंत्री ने यह जानने की कोशिश की कि बिहार के छात्र कोटा में आत्महत्या का प्रयास क्यों कर रहे हैं?”
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यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, ”इंडिया गठबंधन और उसके नेता सनातन धर्म को खत्म करने की बात करते हैं…आने वाले समय में जनता इसका जवाब देगी…जो लोग सनातन धर्म को खत्म करने की बात करते हैं वे खुद खत्म हो जाएंगे…”
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मालूम हो कि यह पहली बार नहीं है जब चंद्र शेखर ने रामचरितमानस पर अपनी टिप्पणी से विवाद खड़ा किया है। जनवरी में राजद मंत्री ने कहा था कि रामचरितमानस ‘समाज में नफरत फैलाता है’। मंत्री ने कहा था, “एक राष्ट्र प्यार और स्नेह से महान बनता है। रामचरितमानस, मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट्स जैसी पुस्तकों ने नफरत और सामाजिक विभाजन के बीज बोये। यही कारण है कि लोगों ने मनुस्मृति को जलाया और रामचरितमानस के एक हिस्से पर आपत्ति जताई, जो दलितों, पिछड़ों और महिलाओं के लिए शिक्षा के खिलाफ बात करता है।”