लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 13 जुलाई को एक विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेताओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा को तलब किया है। शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पटना पुलिस ने राज्य में लाठीचार्ज किया था।
बीते महीने 13 जुलाई को बिहार में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बीजेपी ने सदन से लेकर सड़क तक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पहले सदन में हंगामा और वॉकआउट कर बाहर निकल आए थे। बाद में गांधी प्रतिमा से मार्च निकाला था। विरोध प्रदर्शन के बीच पटना पुलिस ने पानी की बौछार की थी। आंसू गैस छोड़ी. बवाल के बीच एक बीजेपी नेता की मौत हो गई थी।
यह समन भाजपा के लोकसभा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल की शिकायत के आधार पर जारी किया गया, जिन्होंने स्पीकर को बताया था कि लाठीचार्ज के दौरान उन्हें मारने की साजिश रची गई थी। इस घटना में वह बुरी तरह घायल हो गए थे और उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में इलाज कराना पड़ा था।
जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने अपने ऊपर हुए हमले को घातक बताते हुए इसकी शिकायत लोकसभा अध्यक्ष से की थी, जिसके बाद उन्होंने पटना के डीएम और एसएसपी को दिल्ली तलब किया।
इससे पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर बिहार पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, भ्रष्टाचार के गढ़ को बचाने के लिए महागठबंधन सरकार लोकतंत्र पर हमला कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया था कि लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और हताशा का नतीजा है। उन्होंने कहा था कि जिस व्यक्ति पर आरोप पत्र दायर किया गया है उसे बचाने के लिए मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता भूल गए हैं। भाजपा शिक्षक अभ्यर्थियों की भर्ती के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन कर रही थी और नौकरी घोटाला मामले में भूमि मामले में सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने के बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे की मांग कर रही थी।