बीते दिनों हरियाणा के नूंह में हुई हिंसक झड़पों के बाद एक हिंदू समूह ने विश्व हिंदू परिषद की बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा को फिर से शुरू करने की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए पलवल में एक महापंचायत आयोजित की। यह यात्रा 31 जुलाई को पथराव के बाद बाधित हो गई थी। पलवल के एसपी लोकेंद्र सिंह ने कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण पर रोक समेत कई शर्तों पर महापंचायत की अनुमति दी गई थी।
महापंचायत में हरियाणा गौ रक्षक दल के आचार्य आज़ाद शास्त्री ने इसे “करो या मरो की स्थिति” कहा और युवाओं से हथियार उठाने के लिए कहा।
Despite the "no hate speech" condition for permission for mahapanchayat in Palwal by a Hindu groups. One of the orators threatened ‘If you raise a finger, we will cut off your hands’. The committee demanded NIA probe into the violence, and Rs 1 crore compensation for deceased kin pic.twitter.com/kxQFFhgLwx
— Dr. Leena Dhankhar (@leenadhankhar) August 13, 2023
शास्त्री ने कहा, ‘हमें तुरंत मेवात में 100 हथियारों का लाइसेंस लेना सुनिश्चित करना चाहिए, बंदूकों का नहीं बल्कि राइफलों का, क्योंकि राइफलें लंबी दूरी तक फायरिंग कर सकती हैं। यह करो या मरो की स्थिति है। इस देश का विभाजन हिंदू और मुसलमानों के आधार पर हुआ था। यह गांधी के कारण ही था कि ये मुसलमान मेवात में रुके रहे।”
उन्होंने युवाओं से एफआईआर से न डरने को भी कहा। उन्होंने कहा, “हमें एफआईआर से डरना नहीं चाहिए। मेरे खिलाफ भी एफआईआर हैं लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए।”
सर्व हिंदू समाज द्वारा आयोजित यह महापंचायत नूंह की सीमा से सटे पलवल जिले के पोंडरी गांव में हुई। सभा में विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के जुलूस को फिर से शुरू करने पर चर्चा हुई, जिसे नूंह में हिंसा भड़कने के कारण अचानक रोक दिया गया था। जुलूस पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसमें दो होम गार्ड और एक मौलवी समेत छह लोगों की मौत हो गई। मुस्लिम बहुल क्षेत्र नूंह में जुलूस को प्रतिरोध का सामना करना पड़ा और अंततः सांप्रदायिक झड़पें हुईं।
#WATCH | People gather for the Mahapanchayat at Pondri village in Palwal of Haryana. pic.twitter.com/E9PDT9fF34
— ANI (@ANI) August 13, 2023
महापंचायत में हिंदू समूहों ने 28 अगस्त को यात्रा पूरी करने का फैसला किया। महापंचायत में हिंदू समूहों ने निम्नलिखित मांगें रखीं:
– नूंह हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराई जानी चाहिए।
– हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी और घायलों को 50 लाख रुपये दिए जाएं।
– नूंह झड़प के दौरान बर्बरता के कारण हुए नुकसान का विश्लेषण करने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और तदनुसार मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए।
– जो लोग अवैध रूप से राज्य में प्रवेश कर चुके हैं उन्हें तुरंत निर्वासित किया जाना चाहिए।
– पुलिस को दंगाइयों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
– मेवात में एक केंद्रीय बल का मुख्यालय हो।
31 जुलाई को नूंह में वीएचपी जुलूस पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद भड़की सांप्रदायिक झड़प में दो होम गार्ड और एक मौलवी समेत छह लोगों की मौत हो गई थी।