कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनकी संसदीय सदस्यता बहाल होने के बाद दिल्ली में उनका 12 तुगलक लेन बंगला फिर से आवंटित कर दिया गया है। सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने इस साल अप्रैल में बंगला खाली कर दिया था। हालाँकि, अब जब सुप्रीम कोर्ट ने ‘मोदी’ उपनाम वाले आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी है और उनका सांसद का दर्जा वापस आ गया है, तो सूत्रों ने कहा कि बंगला उन्हें फिर से आवंटित किया गया है।
हालांकि सूत्रों ने कहा है की राहुल ने अभी तक इस पर फैसला नहीं किया है। कांग्रेस सांसद के पास इसका जवाब देने के लिए 8 दिन का समय है।
Rahul Gandhi has got an official confirmation from the Estate office for the allotment of a bungalow to him as an MP in Delhi. For now, he has been offered 12, Tughlak Lane, his earlier residence, but he is yet to decide on it. The Cong MP has 8 days to respond to this: Congress… pic.twitter.com/qCrHEFzfaV
— ANI (@ANI) August 8, 2023
एक सांसद के रूप में अपना आधिकारिक आवास वापस पाने पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर राहुल ने कहा, “मेरा घर पूरा हिंदुस्तान है।”
#WATCH | "Mera ghar poora Hindustan hai," says Congress MP Rahul Gandhi when asked for a reaction on media reports about getting back his official residence as an MP
He has arrived at the AICC Headquarters for a meeting with the leaders of Assam Congress. pic.twitter.com/KtIzZoRPmm
— ANI (@ANI) August 8, 2023
राहुल को पहली बार 2004 में आम चुनाव में अमेठी निर्वाचन क्षेत्र जीतने के बाद बंगला आवंटित किया गया था।
लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक 12 तुगलक लेन स्थित बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया था। राहुल ने 22 अप्रैल को लुटियंस दिल्ली में 12 तुगलक लेन स्थित अपना सरकारी आवास खाली कर दिया था। इस बंगले में वे करीब दो दशक तक रहे। राहुल गांधी पहली बार 2004 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से सांसद चुने गए और तीन बार इस सीट से सांसद रहे। उन्होंने 2019 में केरल के वायनाड संसदीय सीट से चुनाव जीता था।
इससे पहले अप्रैल में राहुल ने लोकसभा सचिवालय में उप सचिव मोहित राजन को पत्र लिखकर कहा था, “12, तुगलक लेन में मेरा आवास रद्द करने के संबंध में 27 मार्च, 2023 के आपके पत्र के लिए धन्यवाद।”
पत्र में राहुल गांधी ने कहा था कि वह लोगों के जनादेश के लिए यहां बिताए गए अपने समय की सुखद यादों को श्रेय देते हैं। उन्होंने कहा, “अपने अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना मैं निश्चित रूप से आपके पत्र में दिए गए विवरण का पालन करूंगा।”