साल 2019 के तबरेज़ अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में 10 दोषियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। इस मामले में झारखंड की सरायकेला की अदालत ने सजा सुनाई और दोषियों पर 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
तबरेज़ अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने कहा है कि वो दोषियों को सुनाई गई सज़ा से खुश नहीं हैं और हाई कोर्ट में अपील करेंगी। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने भी कहा है कि वो हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
2019 Tabrez Ansari lynching case | All ten convicts sentenced to 10-year imprisonment by Seraikela court under section 304 (culpable homicide not amounting to murder) of IPC. Details awaited. #Jharkhand pic.twitter.com/tblKyzAb8Q
— ANI (@ANI) July 5, 2023
तबरेज़ अंसारी के वकील अलताफ़ अंसारी ने बताया, “जजमेंट में 304 पार्ट वन में दस साल, 325 में तीन साल, 323 में आठ महीने और 295 में एक साल सज़ा दी गई है। इसके साथ दोषियों पर कुछ फाइन भी लगा है। चूंकि इसमें इंटेंशन का एविडेंस नहीं पाया गया, जज साहब का ऑबजर्वेशन है कि मौत चार दिन बाद हुई है इस लिए मारने का इंटेंशन साबित नहीं हुआ।”
इससे पहले 27 जून को अदालत ने 10 आरोपियों को दोषी ठहराया था और सरकारी वकील अशोक कुमार राय ने कहा था कि मामले में सजा की घोषणा 5 जुलाई को की जाएगी। राय ने बताया था कि एक आरोपी कुशल महली की मुकदमे के दौरान मौत हो गई थी और दो अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अमित शेखर की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद दोषी व्यक्तियों – भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेम चंद महली, महेश महली को हिरासत में ले लिया गया।
इस घटना का मुख्य आरोपी प्रकाश मंडल उर्फ पप्पू मंडल पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।
बता दें कि कथित चोरी के आरोप में 17 जून 2019 को सरायकेला पुलिस स्टेशन के अंतर्गत धतकीडीह गांव में पीट-पीटकर अंसारी की हत्या कर दी गई थी। अंसारी ईद मनाने के लिए घर आया था और मोटरसाइकिल चोरी करने की कोशिश के संदेह में उसकी हत्या कर दी गई थी। वो पुणे में एक मजदूर और वेल्डर के रूप में काम करता था।