महाराष्ट्र कैबिनेट ने बुधवार को वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति न्हावा शेवा अटल सेतु करने का फैसला किया। राज्य सरकार का यह निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की घोषणा के लगभग एक महीने बाद आया कि पुल का नाम सावरकर के नाम पर रखा जाएगा।
Maharashtra cabinet nod for proposal to rename Versova–Bandra Sea Link as Veer Savarkar Setu
— Press Trust of India (@PTI_News) June 28, 2023
भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि नाम को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि नाम बदलने का काम देश की दो महान हस्तियों के नाम पर किया गया है।
Maharashtra cabinet decides to rename Mumbai Trans Harbour Link as Atal Bihari Vajpayee Smruti Nhava Sheva Atal Setu
— Press Trust of India (@PTI_News) June 28, 2023
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “हमने वर्सोवा-बांद्रा सी लिंक का नाम बदलकर वीर सावरकर सेतु कर दिया है और मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति न्हावा शेवा अटल सेतु कर दिया है। हमने महात्मा की सीमा बढ़ाने का भी बड़ा फैसला लिया है। ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाएगा और यह राज्य के सभी लोगों को दिया जाएगा।”
#WATCH | We've renamed Versova–Bandra Sea Link as Veer Savarkar Setu and Mumbai Trans Harbour Link renamed as Atal Bihari Vajpayee Smruti Nhava Sheva Atal Setu. We've also taken a big decision to increase the limit of Mahatma Jyotirao Phule Jan Arogya Yojana from Rs 2 lakh to Rs… pic.twitter.com/WEloA0hmMw
— ANI (@ANI) June 28, 2023
सीएम एकनाथ शिंदे ने आगे बटगया कि आज की बैठक में हमने 40,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इससे 1,20,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। कई उद्योग महाराष्ट्र में आ रहे हैं क्योंकि हमारे राज्य में बहुत संभावनाएं हैं। अब महाराष्ट्र FDI में फिर नंबर 1 बन गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पिछले महीने 28 मई को सावरकर के जन्मदिन पर घोषणा की थी कि बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का नाम हिंदुत्व के विचारक वीर सावरकर के नाम पर कर दिया जाएगा। शिंदे ने यह भी कहा था कि केंद्र के वीरता पुरस्कार की तरह ही राज्य स्तरीय वीरता पुरस्कार का नाम भी स्वातंत्र्य वीर सावरकर के नाम पर रखा जाएगा।
मालूम हो कि वीर सावरकर एक हिंदू राष्ट्रवादी नेता और एक फायरब्रांड क्रांतिकारी थे, जबकि अटल बिहार वाजपेयी पूर्व प्रधान मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे।
वर्ष 1910 में सावरकर को गिरफ्तार कर लिया गया था और 1911 में 50 साल की कैद की सजा सुनाई गई। वह 13 साल तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सेलुलर जेल (काला पानी) में बंद रहे। उन्होंने 1921 में ‘एसेंशियल्स ऑफ हिंदुत्व’ पुस्तक लिखी। अटल बिहारी वाजपेई एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। अटल बिहारी वाजपेयी 1996 से 2004 के बीच तीन कार्यकालों में भारत के प्रधान मंत्री रहे।