कर्नाटक मंत्रिमंडल ने राज्य के स्कूलों में कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन के मुताबिक, आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार से जुड़े अध्याय को हटाया जाएगा, जबकि सावित्रीबाई फुले, चक्रवर्ती सुलिबेले, इंदिरा गांधी को जवाहरलाल नेहरू की चिट्ठी और बीआर अंबेडकर पर कविता को जोड़ा जाएगा। संक्षेप में अगर कहें तो कर्नाटक में कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार द्वारा लाए गए सभी परिवर्तनों को पूर्ववत कर रही है।
इस निर्णय की घोषणा करते हुए, कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा, “उन्होंने [पिछली भाजपा सरकार] पिछले साल जो भी बदलाव किए थे, हमने उन्हें बस फिर से लागू कर दिया है, बस इतना ही।” यह संशोधन कक्षा छठी से दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों को प्रभावित करेगा।
#WATCH | "…syllabus on K. B. Hedgewar has been dropped…whatever changes they (previous govt) have done last year, we have changed it and reintroduced whatever was there last to last year…": Madhu Bangarappa, Karnataka Education minister on textbook syllabus pic.twitter.com/QyfDqZoiwD
— ANI (@ANI) June 15, 2023
जो अध्याय जोड़े जा रहे हैं, उन्हें फिलहाल पूरक पाठ के रूप में पढ़ाया जाएगा, क्योंकि शैक्षणिक वर्ष की पाठ्यपुस्तकें पहले ही परिचालित की जा चुकी हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि लगभग 10 से 12 लाख रुपये की लागत से पाठ्यपुस्तक का पुनरीक्षण किया जा रहा है और दस दिनों के भीतर पूरक पाठ छात्रों को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
पाठ्यपुस्तक संशोधन हाल ही में हुए कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणापत्र के अनुरूप है। चुनाव के दौरान, कांग्रेस ने भाजपा के सत्ता में रहने के दौरान स्कूली पाठ्यपुस्तकों में किए गए परिवर्तनों को पूर्ववत करने का वादा किया था।
केबी हेडगेवार वाला पाठ किताब से हटाए जाने पर बीजेपी नेता और कर्नाटक के पूर्व शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है।उन्होंने कहा, ”वे (कांग्रेस) मुस्लिमों के वोट चाहते हैं। मूल रूप से सिद्धारमैया की सरकार हिंदुओं के खिलाफ है। आपको हमेशा पता होना चाहिए. वह हिंदुओं के लिए नहीं है। निश्चित रूप से हमने अपनी संस्कृति को बचाने के लिए जो कुछ भी किया है, वे उसके खिलाफ जा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, ”तीन बातें वे (कांग्रेस) हमेशा बोलते रहते हैं। मुसलमानों का वोट लेने के लिए वे गोहत्या के बारे में बोलते हैं। वे हिजाब के बारे में बात कर रहे हैं… उन्होंने मुसलमानों से वादा किया है कि हम हिजाब लाने जा रहे हैं। तीसरी बात धर्मांतरण को लेकर है। ये सब इसलिए है क्योंकि वे अल्पसंख्यक मतदाताओं को आकर्षित करना चाहते हैं और हर चीज का राजनीतिकरण करना चाहते हैं।”
#WATCH | "They (Congress) want votes of Muslims, Siddramaiah's govt is against Hindus…they might even re-introduce hijab…they want to attract votes of minorities and politicise everything…": BC Nagesh, Former Karnataka Education Minister https://t.co/8NimglOzH0 pic.twitter.com/plbgrqh1id
— ANI (@ANI) June 15, 2023
वहीं कर्नाटक के कानून मंत्री एचके पाटिल ने कहा है कि राज्य मंत्रिमंडल ने स्कूलों और कॉलेजों में गाए जाने वाले नियमित भजनों के साथ-साथ संविधान की प्रस्तावना को पढ़ना अनिवार्य करने का भी फैसला किया है।
मालूम हो कि राज्य में भाजपा सरकार के दौरान, विपक्षी कांग्रेस के साथ एक विवाद छिड़ गया था और कुछ लेखकों ने तत्कालीन पाठ्यपुस्तक समीक्षा समिति के प्रमुख रोहित चक्रतीर्थ को हटाने की मांग की थी और आरोप लगाया था कि पाठ्यक्रम में प्रमुख हस्तियों जैसे स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों, और प्रसिद्ध साहित्यकारों के लेखन पर अध्यायों को छोड़ दिया गया है एवं आरएसएस संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के भाषण को एक अध्याय के रूप में शामिल कर स्कूली पाठ्यपुस्तकों का “भगवाकरण” कर दिया गया है।