केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के इस दावे का जोरदार खंडन किया कि किसानों के विरोध के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भारत सरकार के दबाव में आया था। डोरसी के आरोप का खंडन करते हुए चंद्रशेखर ने कहा, “यह जैक द्वारा कहा गया एक स्पष्ट झूठ है और शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध अवधि को मिटाने का प्रयास है।”
This is an outright lie by @jack – perhaps an attempt to brush out that very dubious period of twitters history
Facts and truth@twitter undr Dorsey n his team were in repeated n continuous violations of India law. As a matter of fact they were in non-compliance with law… https://t.co/SlzmTcS3Fa
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳(Modiyude Kutumbam) (@Rajeev_GoI) June 13, 2023
डोरसी ने दावा किया है कि ट्विटर को भारतीय अधिकारियों से किसानों के विरोध और सरकार की आलोचना करने वाले खातों को ब्लॉक करने के लिए “कई अनुरोध” प्राप्त हुए थे। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि अगर उसने सरकार के अनुरोधों का पालन नहीं किया तो देश में ट्विटर के कार्यालयों को बंद कर दिया जाएगा।
यूट्यूब शो ‘ब्रेकिंग पॉइंट्स विद क्रिस्टल एंड सागर’ में, ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी ने आरोप लगाया कि, “किसानों के विरोध और पत्रकार जो सरकार के आलोचक थे, उनको लेकर भारत सरकार के पास से हमारे पास कई अनुरोध आए और कहा गया कि हमें(ट्विटर) भारत में बंद कर दिया जाएगा, जो हमारे लिए एक बहुत बड़ा बाजार है। कुछ कर्मचारियों के घरों पर छापा मारा गया और कहा गया कि अगर आप यदि आप सूट का पालन नहीं करते हैं तो हम आपके कार्यालय बंद कर देंगे”।
जैक डोर्सी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, यह जैक डोर्सी का एक झूठ है। ट्विटर से किसी पर छापा नहीं मारा गया या जेल नहीं भेजा गया, न ही देश में साइट को बंद किया गया। ट्विटर और उसके अधिकारियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि प्लेटफॉर्म सरकारी नियमों का उल्लंघन कर रहा था।
#WATCH | What he has said is an outright lie. Twitter is a company that believed that it was not necessary for it to comply with Indian laws. Govt of India has been very clear from the beginning that all companies that operate in India have to comply with Indian laws: Union… pic.twitter.com/eTtihqO1eh
— ANI (@ANI) June 13, 2023
उन्होंने कहा- ‘ट्विटर एक ऐसी कंपनी है जिसका मानना है कि भारतीय कानून का पालन करना उनके लिए आवश्यक नहीं है। उनका मानना था कि उन्हें भारतीय कानून का पालन नहीं करना है और जैसे-जैसे वह आगे बढ़ती गई उन्होंने अपने नियम बनाए। भारत सरकार शुरू से ही भारत में काम करने वाली सभी कंपनियों के लिए बहुत स्पष्ट रही है कि उन्हें हमेशा भारतीय कानून का पालन करना होगा।’
चंद्रशेखर ने कहा कि ट्विटर भारत और विदेश दोनों जगह लोगों को चुनिंदा रूप से डी-एम्प्लीफाई और डी-प्लेटफॉर्म करने के लिए एक मंच के रूप में अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहा था। भारत में यह हमारे संविधान के अनुच्छेद 14 और 19 का प्रत्यक्ष उल्लंघन था…जैक डॉर्सी के रवैये से मैं बहुत निराश हूं क्योंकि निश्चित रूप से उन्होंने अपने कल के बयान में जो कुछ भी कहा वह असत्य और गलत है।
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि किसानों के विरोध के दौरान ट्विटर पर भेजे गए कोई भी टेकडाउन नोटिस गलत सूचना और प्लेटफॉर्म पर चल रही फर्जी खबरों के जवाब में थे।
उन्होंने जैक डोरसी के तहत ट्विटर पर “पक्षपातपूर्ण व्यवहार” का आरोप लगाया और कहा कि भारत सरकार के खिलाफ इसके सह-संस्थापक की टिप्पणी साइट के इतिहास के “संदिग्ध काल” को “ब्रश करने का प्रयास” है।
पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “उस समय, ट्विटर ने भारतीय कानूनों का पालन नहीं किया। यह स्पष्ट है कि भारत में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सम्मान किया जाता है, लेकिन उन्हें देश के कानून का पालन करना होगा”।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “जो कहा गया है, वह एक सफ़ेद झूठ है। जैक डोरसी वर्षों की नींद के बाद जाग गए और अपने कुकर्मों पर पर्दा डालना चाहते हैं। जब ट्विटर को किसी अन्य व्यक्ति ने खरीद लिया, तो ‘ट्विटर फाइल्स’ में यह खुलासा हुआ कि मंच का दुरुपयोग कैसे किया जा रहा है। जैक डोरसी आज तक इसका जवाब नहीं दे पाए क्योंकि उनका पर्दाफाश हो गया था… भारत में चुनाव आते ही कई विदेशी ताकतें जाग जाती हैं…’
#WATCH | "What was said, is a blatant lie. Jack Dorsey woke up after years of sleep & wants to cover up his misdeeds. When Twitter was bought by another person, it was revealed in 'Twitter Files' how was the platform being misused. Jack Dorsey has not been able to answer this to… pic.twitter.com/8EUSrgCNjR
— ANI (@ANI) June 13, 2023
कई विपक्षी नेताओं ने डोरसी के बयान को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्विटर पर साक्षात्कार के कुछ अंश कैप्शन के साथ साझा किए और लिखा: “लोकतंत्र की माता – अनफ़िल्टर्ड।”
Mother of Democracy – Unfiltered
"During farmer protest, Modi govt pressurized us and said we will shut down your offices, raid your employees' homes, which they did if you don’t follow suit."
– Jack Dorsey, former Twitter CEO pic.twitter.com/tOyCfyDWcz
— Srinivas BV (@srinivasiyc) June 12, 2023
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि लोकतंत्र की जननी में लोकतंत्र की हत्या कैसे हो रही है ये बताने के लिए आज प्रेस कांन्फ्रेंस की गई है… एक साल से अधिक समय से जब किसान सर्दी, गर्मी और बारिश को झेलते हुए दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे थे, तब उन्हें ‘मवाली, खालिस्तानी, पाकिस्तानी और आतंकवादी’ कहा जा रहा था और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म से कहा जा रहा था कि अगर किसानों को दिखाया तो उन्हें भारत में बंद कर दिया जाएगा और छापेमारी की जाएगी।
ट्विटर के फाउन्डर और पूर्व CEO जैक डोर्सी ने खुलासा किया है कि मोदी सरकार ने उन्हें धमकाया- अगर किसान आंदोलन दिखाया तो ट्विटर के ऑफिस और कर्मचारियों के घर पर छापे पड़ेंगे। ट्विटर को भारत में बैन कर दिया जाएगा।
जब देश के किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे, तो PM मोदी उनकी आवाज… pic.twitter.com/QXlND0uhav
— Congress (@INCIndia) June 13, 2023
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने “विपक्ष को चुप कराने की कोशिश की” और “किसानों का समर्थन करने वालों की आवाज़ों को दबाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया”।
The BJP and the government tried to crush the farmers protest,
They tried to defame the movement,
They called farmers terrorists,
They called farmers anti national
They lathicharged the farmers
They let farmers die,
They tried to silence the opposition in parliament
They…— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) June 13, 2023
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार की निरंकुशता स्थापित हो चुकी थी। ट्वीटर के पूर्व संस्थापक और सीईओ जैक डोर्सी ने कहा है कि मोदी सरकार और PM किसानों और उनके संगठनों के खातों को ब्लॉक करने के लिए कहते थे। सरकार कहती थी कि पत्रकारों के एकाउंट को ब्लॉक किया जाए अन्यथा ट्विटर ऑफिस पर छापा मारा जाएगा। इससे साबित होता है कि देश में लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही है।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि सबसे पहले मैं जानना चाहूंगा कि जैक डोर्सी ऐसा बयान क्यों देंगे? राजीव चंद्रशेखर कहते हैं कि यह झूठ है, वो झूठ क्यों बोलेगा? जैक डोर्सी के पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं है कि जब विरोध प्रदर्शन चल रहे थे तो उन्होंने(सरकार) ट्विटर को धमकी दी थी कि वे ट्वीटर के कार्यालयों को बंद कर देंगे और ट्विटर के तत्कालीन कर्मचारियों पर छापा मारेंगे।
#WATCH | On former CEO of Twitter Jack Dorsey's claim on ‘pressure’ from India, Rajya Sabha MP Kapil Sibal says, "First of all, I would like to know, why would Jack Dorsey make such a statement? Rajeev Chandrasekhar says that this is a lie. Why would he tell a lie? There is no… pic.twitter.com/U06RvboybA
— ANI (@ANI) June 13, 2023
सांसद संजय राउत ने कहा कि मैंने देखा है कि कैसे देश का लोकतंत्र और आजादी खतरे में है और कैसे पर्दे के पीछे लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। इससे साफ हो जाता है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि उस समय भी हमें जानकारी थी कि किसान आंदोलन की जितनी पहुंच फेसबुक और ट्वीटर पर आनी चाहिए वो नहीं आ रही थी। ये(सरकार) स्थानीय स्तर पर इसे रोकने का प्रयास करते थे। इसका(ट्वीटर) जो मालिक था उसने अब स्पष्ट कहा है। उसने(जैक डोर्सी) ठीक कहा है, भारत सरकार ने प्रयास किए होंगे।
#WATCH | On former CEO of Twitter Jack Dorsey's claim on ‘pressure’ from India, farmer leader Rakesh Tikait says, "We had information that the kind of reach on Facebook and Twitter that was expected on farmers' protest, was not coming. They used to try to stop it at their level.… pic.twitter.com/JMUsoEak4S
— ANI (@ANI) June 13, 2023
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि, “जैक डोरसी ने जो कहा है वह बिल्कुल भी आश्चर्यजनक नहीं है। पिछले 9 वर्षों में, 2014 के बाद, देश में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक स्वतंत्रता का व्यवस्थित क्षरण हुआ है। दुर्भाग्य से, यह घटना केवल अकेले केंद्र सरकार तक ही सीमित नहीं है। कुछ राज्य सरकारें भी समान रूप से क्रूर और सत्तावादी रही हैं, जिस तरह से वे असहमति को दबाने और वैकल्पिक आवाजों को आजमाने और उनका विरोध करने की कोशिश करती हैं।’
इससे पहले फरवरी 2021 में सरकार ने ट्विटर से उन सैकड़ों खातों को हटाने के लिए कहा था जिन्होंने नवंबर 2020 में शुरू हुए बड़े पैमाने पर किसानों के विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए केंद्र की आलोचना की थी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने शुरू में इनकार कर दिया, लेकिन उचित समय पर अनुपालन किया। मई 2021 में लागू हुए नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं करने के लिए केंद्र ने बार-बार ट्विटर की आलोचना भी की थी।