सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए। उद्धव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार अब स्पीकर को हमारे व्हिप पर विचार करना होगा, क्योंकि यह राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त किया गया था। ठाकरे ने कहा, अगर मैंने इस्तीफा नहीं दिया होता तो मैं मुख्यमंत्री होता।
#WATCH | Uddhav Thackeray speaks on the Supreme Court decision stating that then Maharashtra Governor BS Koshyari's decision for the Floor test was wrong and that the court cannot restore his government as he had resigned and had not faced the Floor test pic.twitter.com/Jl7KqvqYsW
— ANI (@ANI) May 11, 2023
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, ‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को मेरे तरीके से इस्तीफा दे देना चाहिए।’
#WATCH | If the current Maharashtra CM and deputy CM have any ethics, then they should resign: Uddhav Thackeray #Maharashtra pic.twitter.com/wqNPrnG36F
— ANI (@ANI) May 11, 2023
वहीं सुप्रीम कोर्ट के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ” यह लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत है। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश से संतुष्ट हैं। आज सुप्रीम कोर्ट ने महा विकास अघाड़ी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। महा विकास अघाड़ी की साजिश नाकाम हो गई है…सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार पूरी तरह संवैधानिक है।”
Today, Maha Vikas Aghadi's (MVA) conspiracy has been defeated. Now, no one should doubt that the Maharashtra government is completely legal: Maharashtra Deputy CM & BJP leader Devendra Fadnavis https://t.co/9Wyz3Iacyr
— ANI (@ANI) May 11, 2023
फडणवीस ने कहा, “कल से, बहुत से लोग जो बहुत उत्साहित थे और योजना बना रहे थे और कूद रहे थे, विफल हो गए। उन्होंने कहा- जो लोग चर्चा कर रहे थे कि सरकार गिर जाएगी, उनके दावे और चर्चाएँ धरी की धरी रह गई हैं।”
फडणवीस ने आगे कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि उद्धव ठाकरे को दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता है। सदस्यता निरस्त किए जाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्पीकर के पास अधिकार है कि वे फैसला लें। स्पीकर को यह अधिकार दिया गया है कि 10वीं अनुसूची को ध्यान में रखते हुए यह तय करेंगे कि राजनीतिक पार्टी कौनसी है और फिर सदस्यता निरस्त किए जाने पर फैसला होगा।‘
फडणवीस ने उद्धव पर पलटवार करते हुए कहा कि, ‘नैतिकता की बात करना उद्धव ठाकरे को शोभा नहीं देता। मैं उनसे पूछता हूं कि भाजपा के साथ चुनकर आए और मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस और NCP के साथ जब गए तब नैतिकता को कौन से डब्बे में डाला था? उन्होने डर के कारण इस्तीफा दिया था।’
#WATCH | It doesn't suit Uddhav Thackeray to talk about morality. I want to ask him if had he forgotten his morals when he went with NCP&Congress for CM post.He had not resigned on moral grounds but due to fear after people who were with him left him: Maharashtra Dy CM D Fadnavis pic.twitter.com/OF6pk0Wnyd
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मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “इस्तीफा आपने(उद्धव ठाकरे) किया था। आपके पास अल्पमत था, कितने लोग बचे थे? उन्हें पता था उनकी हार हो जाएगी और तब राज्यपाल ने निर्णय लिया जो सही था…शिवसेना और बालासाहेब की विचारधारा को बचाने का काम हमने किया है। नैतिकता की बात अब करने से अच्छा तब करनी चाहिए थी जब चुनाव हुआ था। तब अगर लोगों का निर्णय देखते हुए नैतिकता की बात करते तो भाजपा-शिवसेना की सरकार बन जाती लेकिन इन्होंने कुर्सी पाने के लिए फैसला लिया।”
महाराष्ट्र स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा है कि, ‘मुझे नहीं लगता कि अदालत ने राजनीतिक स्थिति पर आदेश दिया, यह एक सराहनीय फैसला है। यह एक उचित निर्णय था। इसलिए, मैं सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करता हूं।’
बता दें की महाराष्ट्र की सत्ता में एकनाथ शिंदे-बीजेपी गठबंधन को एक बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि राज्य में पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार को बहाल नहीं किया जा सकता है, क्योंकि तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया था और अपनी इच्छा से इस्तीफा दिया। फैसला सुनाते हुए सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ ने नेबाम राबिया के फैसले को संदर्भित किया और मामले को बड़े बेंच को रेफर कर दिया।