पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू(JDU) नेता आर.सी.पी. सिंह केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में गुरुवार को भाजपा में शामिल हुए। भाजपा ज्वाइन करने के बाद आर.सी.पी. सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। उन्हें जरा सोचना चाहिए कि देश कहां से कहां चला गया और बिहार कहां हैं। उन्हें ‘C’ शब्द से बड़ा प्यार है, सी से चेयर होता है इसलिए कुर्सी के मोह में सारा काम कर रहे हैं।
Former Union Minister and JDU Leader Shri @RCP_Singh joins BJP in presence of Shri @dpradhanbjp at party headquarters in New Delhi. #JoinBJP https://t.co/jU672ccyr3
— BJP (@BJP4India) May 11, 2023
आर.सी.पी. सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को सब PM कहते हैं। मैंने भी उन्हें कहा कि आप PM थे, PM हैं और PM रहेंगे। पीएम मतलब पल्टीमार। उन्होंने कितनी बार विश्वासघात किया है।
आरसीपी सिंह ने कहा- “उन्हें बिहार के कल्याण के लिए जनादेश मिला था, लेकिन अब वह क्या कर रहे हैं। एक दिन वह ओडिशा में हैं, दूसरे दिन झारखंड में और आज वह महाराष्ट्र में हैं। वह अब विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि कौन आपका नेता है? बिना किसी नेता के आप विपक्षी एकता की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?”
पार्टी द्वारा भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर नोटिस भेजे जाने के बाद आरसीपी सिंह ने जदयू छोड़ दिया था। अपने इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार अपने सात जन्मों में से किसी में भी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।” उन्होंने जद-यू को डूबता जहाज बताया था।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर 2013 से 2022 के बीच बड़ी संपत्ति अर्जित की गई है। कभी सीएम के विश्वासपात्र रहे आरसीपी सिंह ने 6 जुलाई को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जब पार्टी ने उन्हें राज्यसभा में लगातार तीसरे कार्यकाल से वंचित कर दिया था।
नीतीश कुमार के साथ उनके रिश्ते तब खराब हो गए जब उन्होंने मुख्यमंत्री की सहमति के बिना और भाजपा के साथ उनकी कथित निकटता को लेकर मंत्री पद स्वीकार कर लिया। सिंह को पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने के लिए भी कहा गया था।
सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार आरसीपी सिंह से तब से नाखुश थे जब से वह उनकी सहमति के बिना केंद्र सरकार में शामिल हुए थे।
उत्तर प्रदेश कैडर के एक पूर्व आईएएस अधिकारी, सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार के करीब आए और कहा जाता है कि नीतीश कुमार के बाद पार्टी पर उनकी सबसे बड़ी पकड़ है।